स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने दूनवैली में बिना मास्टर प्लान और बिना पर्यटन प्लान के हो रहे निर्माण कार्यो के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, एम.डी.डी.ए., पी.सी.बी.और केंद्र सरकार से आठ सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सजंय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने देहरादून निवासी आकाश वशिष्ठ की जनहित याचिका पर सुनवाई की ।
याची ने न्यायालय से कहा कि वर्ष 1989 में उत्तर प्रदेश सरकार ने दूनवैली में निर्माण कार्यो के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था । सरकार ने एक अन्य नोटिफिकेशन जारी कर दूनवैली में निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी। नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया कि दून वैली में जो भी निर्माण कार्य होंगे उनके लिए केंद्र सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक होगी। लेकिन अभीतक राज्य सरकार न तो मास्टर प्लान के अनुसार कार्य कर रही है और न ही पर्यटन प्लान के अनुसार। जिसके कारण दूनवैली में अवैध निर्माण कार्य हो रहे हैं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि दून वैली में जो भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं उनको मास्टर प्लान और पर्यटन प्लान के अनुसार किया जाए, साथ मे मास्टर प्लान और पर्यटन प्लान को विकसीत किया जाये।