भांग की खेती टिप्पणी मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र और सरकार से जवाब माँगा हैं। साथ ही इस मामले में अभियुक्त गर्वित दानू को हाई कोर्ट ने राहत दी हैं ।
उच्च न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की फेसबुक आईडी में बेरोजगार युवक द्वारा भांग की खेती पर की गई टिप्पणी से जुड़ी याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है।
इसके साथ ही न्यायालय ने निचली अदालत के समन आदेश पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने शिकायतकर्ता सहित राज्य सरकार का भी जवाब तलब किया है। जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
जानिए क्या है पूरा मामला!
कुछ माह पूर्व शुक्रवार को यह जवाब तलब मुनस्यारी के गर्वित दानू की एक चुनौती याचिका की सुनवाई करते हुइ न्यायमूर्ति आरसी खुल्चे की एकलपीठ ने किया है। न्यायालय ने अगली सुनवाई 29 नवम्बर तय की है।
उल्लेखनीय है कि 2020 में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट की थी कि बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के लिए कृषि से जोड़ा जाएगा। साथ ही भांग की खेती को भी रोजगार के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा। इस पोस्ट पर मुनस्वारी के गर्वित दानू ने तल्ख टिप्पणी की थी।
दानू ने कहा था कि कहीं ऐसा न हो कि 2022 के बाद कई नेताओं को ही रोजगार करने के लिए भांग की खेती को अपनाना पड़े।
इसके बाद एसओजी ने गर्वित के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था ।बाद में रुड़की की अदालत ने आरोपित युवक को जमानत दे दी थी।
इस बीच पुलिस ने युवक के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल कर दी । इसके बाद निचली अदालत ने सात अगस्त 2021 को समन जारी कर ट्रायल बाद के लिए कोर्ट में पेश होने को कहा।इसे युवक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में कहा गया कि एसओजी ने युवक की वाक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन किया है, जबकि उसके द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया।
इस मामले में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने पूर्व सीएम के साथ ही सरकार का भी जवाब तलब किया।