रिपोर्ट:— महेश चंद्र पंत
ताइक्वांडो खेल को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाली, खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त, उत्तराखंड की बेटी दरिया नगर रुद्रपुर निवासी पूजा सिंह का परिवार, परिवहन विभाग व प्रस्तावित बस टर्मिनल के ठेकेदार की मिलीभगत के कारण भय, उत्पीड़न व जान माल की सुरक्षा को लेकर भयंकर मानसिक आर्थिक व शारीरिक यातनाएं झेलने को विवश है।
पूजा के पिता दारा सिंह अपने परिवार सहित रुद्रपुर दरिया नगर में नजूल भूमि पर विगत कई वर्षों से निवास कर रहे हैं। बचपन से ही खेल के प्रति रुचि रखने वाली ,पूजा यहीं जन्मी पली बड़ी हुई। उसके अन्य भाई बहन भी यही जन्मे और शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। खेल के प्रति अपनी मेहनत लगन से उसने अपने माता पिता के साथ उत्तराखंड राज्य का नाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है ।
जिला, राज्य ,राष्ट्र स्तर पर कई स्वर्ण पदक आदि हासिल कर मलेशिया में हुए अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल कर देश का नाम रोशन किया है।
वह अब कड़ी मेहनत और लगन से खेल का सबसे बड़ा मुकाम हासिल करने के प्रति प्रयत्नशील है।
घनी आबादी व यातायात वाले छोटे से क्षेत्र में स्थित रुद्रपुर रोडवेज स्टेशन को बस टर्मिनल के रूप में विस्तार दिए जाने का एक प्रस्ताव तत्कालीन जिला प्रशासन व सी एस आर इंफ्राट्रैक प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के नाम लोग निजी सहभागिता के आधार पर निर्माण हेतु 25 वर्षों के लिए ठेके पर दिए जाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया।
प्रस्तावित टर्मिनल का भौतिक सत्यापन एवं स्थलीय निरीक्षण किए बिना 1.674 हेक्टेयर भूमि रोडवेज परिवहन विभाग को नगर पालिका द्वारा हस्तांतरित कर दी गई।
रोडवेज स्टेशन ने अपनी बाउंड्री वॉल कई वर्ष पूर्व निर्मित कर दी थी जो वर्तमान में भी स्थित है।
बाउंड्री वॉल के बाहर की समस्त भूमि नगरपालिका के प्रबंध में है व नजूल भूमि है। नगर निगम ने सूचना के अधिकार के तहत इस बात की स्पष्ट जानकारी दी है।
ताइक्वांडो खिलाड़ी पूजा की माता शर्मिला देवी बताती है कि पूजा के दारा सिंह रोडवेज में कर्मचारी हैं ।दरिया नगर स्थित रोडवेज के चारों ओर नजूल भूमि पर बसे सैकड़ों परिवारों की तरह उन्होंने भी वर्षों पूर्व अपना एक आशियाना नजूल भूमि पर निर्मित किया । भाजपा सरकार में नजूल भूमि पर बसे लोगों को मालिकाना हक दिलाने के लिए भूमि फ्री होल्ड किये जाने शासनादेश जारी हुए। जिसके तहत नजूल भूमि पर काबिज परिवारों को भूमि की पैमाइश के आधार पर निर्धारित दरों पक्का मूल्य का एक चौथाई मूल्य जमा करने के निर्देश थे। पूजा के पिता ने परिवार के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए जिस जगह पर वह काबिल थे उसे फ्रीहोल्ड कराने के लिए विधिवत मूल्यांकन की गई धनराशि का चौथाई हिस्सा राजकोष में दिनांक 30 मार्च 2012 को जमा कर दिया । दारा सिंह की कब्जे वाली जमीन की पैमाइश व मूल्यांकन करने हेतु नगर पालिका रुद्रपुर प्रशासन वन्यजीव विभाग के कर्मचारियों ने संयुक्त निरीक्षण करने के उपरांत कब्जे की तस्दीक की मूल्यांकन किया और उसी अनुसार दारा सिंह ने नियमाअनुसार वांछित धन जमा करवा दिया।
रोडवेज बाउंड्री के बाहर अन्य कई परिवारों ने भी अपने कब्जे वाली भूमि की पैमाइश कर शासनादेश के अनुसार राजकोष में धन जमा करवाया है।
भा जा पा सरकार ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व नजूल भूमि पर बसे परिवारों को फ्री होल्ड करने संबंधी शासनादेश जारी किए हैं एवं विधिवत इसका प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा है। शासनादेश के अनुसार , जिन परिवारों ने पूर्व में नजूल भूमि आवंटन संबंधी अग्रिम धनराशि जमा की हुई है , उनको प्राथमिकता एवं रियायती दरों पर भूमि होल्ड कराने संबंधी प्रावधान रखा है।
नजूल भूमि पर काबिज परिवारों को फ्री होल्ड करने संबंधी नियमावल तैयार कर फ्री होल्ड नीति की घोषणा भी की गई है। जिसका कैबिनेट से विधिवत प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया है।
इसी दौरान पूर्व जिलाधिकारी नीरज खैरवाल के समय में रुद्रपुर रोडवेज बस स्टैंड को बस टर्मिनल में परिवर्तित करने व इसका ठेका पीपीपी मोड पर सीएसआर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली को दिए जाने संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा गया। इस महा योजना के प्रस्ताव भेजने से पूर्व न तो इसलिए निरीक्षण किया गया नाही भौतिक सत्यापन हुआ बस स्टैंड के अंदर बनी कई परिसंपत्तियों का कोई भी विवरणों का , प्रस्ताव में उल्लेख नहीं किया गया। लाखों करोड़ों रुपए के स्थानीय परिवहन विभाग द्वारा किए गए निर्माण , वन संपदा प्राचीन मंदिर व पीपल का वृक्ष आदि का भी कोई उल्लेख इस प्रस्ताव में नहीं था। तत्कालीन नगर पालिका प्रशासन द्वारा भेजे गए नक्शा नजरिया के आधार पर ही प्रस्ताव को आंख मूंदकर शासन में भेज दिया गया।
रुद्रपुर रोडवेज स्टेशन को बस टर्मिनल में परिवर्तित किए जाने का यह प्रस्ताव कई वर्षों तक ठंडे बस्ते में रहा और कोई भी निर्माण इसमें नहीं हुआ।
इसी बीच पूर्व जिलाधिकारी नीरज खैरवाल जी के महाप्रबंधक परिवहन बनने के साथ ही रुद्रपुर के इस बस टर्मिनल निर्माण ने पुनः गति पकड़ ली। इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी इंद्र कपूर ने अपने धनबल व संपर्कों का पूरा उपयोग करते हुए परिवहन विभाग, नगर निगम व स्थानीय प्रशासन पर दबाब बनाना शुरू किया। रुद्रपुर बाउंड्री वाल से बाहर की भूमि पर भी टर्मिनल ठेकेदार को कब्जा कराने की नियत से नगर पालिका व स्थानीय प्रशासन ने रोडवेज बाउंड्री वॉल के बाहर नजूल भूमि पर वर्षों से बसे छोटे-मोटे दुकानदारों व निवास कर रहे परिवारों को नोटिस देकर डराने धमकाने व बुलडोजर से उन्हें ध्वस्त करने की कार्रवाई तक अमल में लाने का प्रयास किया।
चुनाव से पूर्व रोडवेज की बाउंड्री वॉल के बाहर नजूल भूमि पर बसे दो दुकानों को ध्वस्त किया गया जिसके कारण काफी बवाल हुआ क्योंकि दुकानदार 40 45 वर्षों से अपना व्यवसाय कर रहे हैं और नगर पालिका को विधिवत मासिक किराया भी देते आ रहे हैं।
व्यापार मंडल व अन्य राजनीतिक दलों ने इसका घोर विरोध किया। सरकार में तत्कालीन ऊधम सिंह नगर प्रभारी यतिस्वरानंद व जिला अध्यक्ष ऊधम सिंह नगर शिव अरोड़ा आदि ने निवर्तमान जिलाधिकारी रंजना राजगुरु, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आदि से घनी आबादी के बीच बन रहे इस बस टर्मिनल को अन्यत्र शिफ्ट करने व रोडवेज परिवार से बाहर निजी भूमि पर बसे छोटे छोटे व्यवसायियों व परिवारों ना उजाड़ने की मांग को लेकर प्रभावित लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका सहयोग किया। यह भी आश्वस्त किया कि किसी भी कीमत पर किसी को भी उजड़ने नहीं दिया जाएगा।
लेकिन चुनाव के बाद भाजपा की डबल इंजन की सरकार के द्वारा सत्ताशीन हो जाने के उपरांत टर्मिनल के ठेकेदार ने पुनः मनमानी शुरू कर दी है। परिवहन विभाग के अधिकारी बाउंड्री वॉल से बाहर बसे हुए रोडवेज के कर्मचारियों के परिवारों को डरा धमका रहे हैं। कई के वेतन रुके हुए हैं तो कहीं रिटायरमेंट के बाद उनके पेंशन विधेयक भी रोक दिए गए हैं कई कर्मचारियों को विभिन्न आरोप लगाकर नौकरी से बर्खास्त कर दिया है उन्हें बार-बार इस बात का जवाब दिया जा रहा है कि यदि आप लोग कब्जा छोड़ देंगे तो आपको पुनः बहाल कर दिया जाएगा वह आपके सभी देयक भुगतान कर दिए जाएंगे इस तरह की धमकी देकर नजूल भूमि पर पैसे रोडवेज कर्मचारियों के परिवारों को डराया धमकाया व आतंकित किया जा रहा है ताकि वह विवश होकर पलायन कर जाएं, जिनमें पूजा का परिवार भी चपेट में है।
पूजा के पिता दारा सिंह को विभिन्न आरोप लगाकर 2 साल पूर्व नौकरी से हटा दिया गया है उन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने रोडवेज की भूमि पर कब्जा किया है जबकि वर्ष 2012 में विधिवत नगर व नजूल प्रशासन ने वस्तु स्थिति का भौतिक सत्यापन करते हुए उनसे भूमि फ्री होल्ड कराने के लिए धन जमा किया हुआ है ।
नगर निगम ने रोडवेज वाउन्ड्रीवाल के बाहर बसे हुए लोगों के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट की है कि यह भूमि नजूल की है ,तब परिवहन विभाग के स्थानीय अधिकारी इस नुजूल भूमि पर बसे कई रोडवेज कर्मचारियों के परिवारों को विभागीय धौंस दिखाकर टर्मिनल के ठेकेदार के लिए भूमि कब्जा करवाने पर आमादा है।
अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो खिलाड़ी पूजा का परिवार विभागी व ठेकेदार द्वारा मनमानी अन्याय अत्याचार से दुखी होकर डिप्रेशन में है। पूजा की माता शर्मिला देवी को एक अटैक भी आ चुका है। पिता मानसिक अवसाद में है रोडवेज प्रशासन ने उन्हें नौकरी से हटा दिया है। परिवार में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं परिवार मानसिक प्रताड़ना वह आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है।
ऐसे में परिवार की इस बदहाली को देखते हुए उत्तराखंड की बेटी पूजा जिसने देश के लिए बेहतर कर गुजरने का जो सपना देखा है वह पूरा हो पाएगा?
उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य व महिला सशक्तिकरण और बाल विकास कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने संयुक्त रुप से, सार्वजनिक मंच पर तीलू रौतेली पुरस्कार से पूजा को नवाजा है। क्या यह पुरस्कार वितरण, सरकारी समारोह व वाहवाही लूटने, तक ही उत्तराखंड सीमित रहेगा या फिर सरकार मे जिम्मेदार लोग ऐसे नौनिहालों के परिवार व उनके भविष्य, संरक्षण ,संवर्धन के लिए भी अपनी जिम्मेदारियों का एहसास करेंगे, यह एक बड़ा सवाल है?
उत्तराखंड में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के नाम पर उत्तराखंड की संपदा और जमीनों को हड़पने का प्रयास जारी है । रुद्रपुर स्टेशन को टर्मिनल में परिवर्तित करने के नाम पर किया जा रहा बड़ा घोटाला इसका जीता जागता उदाहरण है ।
टर्मिनल के ठेकेदार ने रोडवेज की चारदीवारी के चारों और बेसमेंट के नाम पर 20 से 25 फुट तक का गड्ढा खोदना शुरू कर दिया है । जिससे बाउंड्री वॉल के बाहर नजूल भूमि पर बसे हुए कई परिवारों के मकानों में दरारे आ गई हैं । रोडवेज सेलगभग 200-250 मीटर पर कल्याणी नदी बहती है। यह क्षेत्र दलदली होने के कारण इस गहरे खुदान से पानी का स्रोत निकलने लगे हैं जिससे वाटर लेवल भी नीचे जा रहा है और लोगों के घरों में पानी आना बंद हो गया है। चारदीवारी से लगे सैकड़ों परिवारों के ध्वस्त होने की पूरी संभावना है क्योंकि दलदली जमीन में कभी भी धंस सकती है जिससे सैकड़ों परिवारों की जान माल की हानि होने का खतरा बना हुआ है और भविष्य में कभी भी व मकान गिर सकते हैं इस खुदान से यह क्षेत्र जल ग्रस्त हो गया है। ठेकेदार द्वारा निरंतर कई समरसेबल लगाकर पानी बाहर फेंका जा रहा है रातों-रात सैकड़ों ट्रक मिट्टी और अब उसके बाद रेता बजरी निकलने लगा है जिसे अवैध रूप से बाहर भेजा जा रहा है।
तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पूजा का परिवार भी ठेकेदार की इस मनमानी व अराजकता का शिकार है और स्थानीय रोडवेज प्रशासन ठेकेदार के कंधे से कंधा मिलाकर उत्पीड़न में बराबर सहयोग कर रहा है?
पूजा सिंह की उपलब्धियों पर बड़े-बड़े बखान करने वाला मीडिया आज उसके परिवार पर हो रही इस विपत्ति में चुप्पी साधे हुए हैं जबकि विकास के नाम पर टर्मिनल निर्माण के पक्ष में कसीदे पढ़े जा रहे है व पीपीपी मोड पर ठेकेदार के पक्ष में माहौल बनाने पर ज्यादा चिंता करता है? किसी भी मीडिया ने उत्तराखंड की बेटी के परिवार के साथ हो रही प्रस्तावना वह अन्याय, बारे में अभी तक एक शब्द भी न तो लिखा है ना बोला है।
उत्तराखंड में खेल प्रतिस्पर्धा व होनहार खिलाड़ियों को तराशने, उन्हें हर प्रकार से सहयोग को प्रोत्साहित करने वाले खेलों के विभिन्न संगठनों की ऐसे गंभीर मुद्दों पर, चुप्पी भी बड़ी चिंता जनक है?
देश का नाम ऊंचा करने वाले ऐसे होनहार खिलाड़ियों को अगर उन्मुक्त वातावरण के बजाय त्रासदी से जूझना पड़ेगा तो वह अपने मुकाम पर किस तरह से पहुंच पाएंगे, यह भी एक बड़ा सवाल है।
उत्तराखंड के इतिहास में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा सत्तासीन होने से जनता में यह उम्मीद जागृत हुई है कि डबल इंजन की सरकार, उनकी विगत सरकार में किए हुए वादों को पूरा करेगी।
शिक्षा खेलकूद खेती-बाड़ी खाद्य प्रसंस्करण सामाजिक कार्यों आदि के लिए उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को हर संभव सहयोग व प्रोत्साहन देने सार्वजनिक मंच से घोषणा करने वाले जनप्रतिनिधि वह सरकार में बड़े दायित्वों को निभाने वाले कैबिनेट मंत्री इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करेंगे?
चुनाव से पहले उत्तराखंड में नजूल भूमि पर बसे हुए हजारों परिवारों को मालिकाना हक दिलाने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार में अगर विधिवत फ्री होल्ड का धन जमा किए हुए परिवारों को उजाला जाएगा तब नजूल भूमि फ्री होल्ड का प्रस्ताव क्या चुनाव जीतने की एक रणनीति थी?
महिलाओं के लिए *तीलू रौतेली पुरस्कार* उन्हें प्रोत्साहन सम्मान दिलाने के साथ-साथ उन्हें आगे बढ़ने के लिए सरकारी स्तर पर हर प्रकार का सहयोग करेगी? ऐसे कई सवाल समाधान ढूंढने को आतुर है। *बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ* का नारा तभी सार्थक हो सकेगा जब उनके आगे बढ़ने के लिए समुचित वातावरण, सरकार उपलब्ध कराएगी अन्यथा यह सिर्फ घोषणा मात्र ही कहा जाएगा।
शहर के बीचो बीचघनी आबादी व व्यस्त यातायात वाले छोटे क्षेत्रफल में टर्मिनल की महायोजना बनाने के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुए पूर्व जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी शिव अरोड़ा ने इसे अन्यत्र स्थानांतरित करने व रोडवेज के चारों और नजूल भूमि पर बसे व्यवसायियों व निवास कर रहे परिवारों को किसी भी तरह से उजड़ने देने का वादा किया था।
जनता द्वारा इस टर्मिनल को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की मांग को लेकर पर पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल की जन उपेक्षा, दुर्व्यवहार ,अनदेखी व ठेकेदार के पक्ष में खड़े होने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा था।
शिव अरोड़ा वर्तमान में रुद्रपुर विधानसभा के विधायक चुन लिए गए हैं और जनता ने उन्हें उनके पक्ष में बंपर वोटिंग भी की। लेकिन चुनाव के बाद टर्मिनल के मामले में उनका तटस्थ रहना चर्चा का विषय बना हुआ है?
उत्तराखंड में भाजपा की घटती लोकप्रियता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तराखंड की बागडोर, युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी श्री धामी ने छोटे से कार्यकाल मे काफी हद तक तेजी से स्थितियों में सुधार किया था। जिसके लिए प्रधानमंत्री जी ने उनकी पीठ भी थपथपाई थी।
इस उत्साहवर्धन से प्रेरित होकर पुष्कर सिंह धामी व उनकी टीम ने
अच्छा प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड के इतिहास में किसी भी राजनीतिक दल की लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल करने का पहला कीर्तिमान स्थापित किया। पुष्कर सिंह धामी के अपने विधानसभा क्षेत्र से असफल हो जाने के बावजूद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन पर विश्वास जताते हुए उन्हें पुनः मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी।
ऐसा ही प्रोत्साहन सहयोग उत्तराखंड की बेटी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पूजा सिंह उसकी परिवार को मिल पाएगा । यह उम्मीद की जानी चाहिए ताकि उत्तराखंड की बेटी देश विदेश में सफलता का परचम लहरा सके?
नजूल भूमि को फ्री होल्ड किए जाने के नाम पर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होगा व इसे मुद्दा बनाकर वर्षों तक वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा यह उम्मीद की भी जानी चाहिए।
टर्मिनल के ठेकेदार की मनमानी, अराजकता , धनबल व बाहुबल के प्रभाव में काम करने वाले परिवहन विभाग रोडवेज कर्मचारियों का शोषण उत्पीड़न धमकियों की जांच की उच्च स्तरीय जांच होगी।
घनी आबादी शहर के बीचो-बीच छोटे सी क्षेत्रफल में इस महायोजना को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा। नक्शा नजरिया के आधार पर प्रस्ताव भेजकर सरकार और शासन को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी झूठे आरोप लगाकर आवास खाली करने की दवा बनाने के लिए नौकरी से निकाले गए निर्दोष कर्मचारियों को न्याय मिलेगा। महिला सशक्तिकरण बाल विकास व खेल विभाग होनहार खिलाड़ियों के भविष्य व उनके परिवार के बारे में सकारात्मक पहल करेगा ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए। तभी *सबका साथ सबका विकास व भयमुक्त सरकार* की परिकल्पना साकार हो सकेगी।