बिजेंद्र राणा
आयोग की परीक्षाओं में कभी कला वर्ग के छात्रों का बड़ा बोलबाला हुआ करता था परंतु धीरे-धीरे यह बोलबाला कम होता प्रतीत हो रहा है जिसका प्रमुख कारण गणित विषय से दूरी है ।
आरटीआई के द्वारा मांगी गई जानकारी के अनुसार आरटीआई के तहत उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में पीसीएस 2016 में चुने गए युवाओं की योग्यता की जानकारी मांगी।
जानकारी चौंकाने वाली है पीसीएस मुख्य परीक्षा में कुल सभी युवाओं ने मुख्य परीक्षा का पड़ाव पार किया। इनमें से 173 युवा ऐसे हैं जो कि बीटेक बीए बीएससी यानी मैथ्स बैकग्राउंड वाले थे केवल 17 युवा ही ऐसे थे जो कि बीए पास थे।
इसके बाद जब अंतिम चयन परिणाम आया तो प्रदेश में 57 पीसीएस अधिकारी चुने गए इनमें से केवल 5 बी.ए. वाले थे बाकी इंजीनियरिंग साइंस बैकग्राउंड वाले थे।
जिसका परिणाम यह हुआ कि अब युवा गणित का पेपर हटाने की मांग कर रहे हैंक्यूंकि उत्तराखंड में भौगोलिक परिस्थितियों को देखा जाये तो प्रति वर्ष 80%डिग्रीधारी बी ए स्नातक होते हैं।
उत्तराखंड पीसीएस का जो पैटर्न है उन्हें गणित का सातवा पेपर काफी मुश्किल है उनका कहना है कि इस पेपर की वजह से ही पी सी एस बनने का सपना बी ए पास युवाओं के हाथ से निकल रहा।
आरटीआई के द्वारा यह भी संज्ञान में आया पिछले वर्ष से अभी तक पी सी एस मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम जिसमे गणित भी सम्मिलतित हैं उस पाठ्यक्रम को संशोधित करने की कार्यवाही अभी तक गतिमान हैं।
जबकि 2021 पी सी एस परीक्षा हेतू विभिन पदों के लिए आवेदन लोक सेवा आयोग द्वारा मंगा लिए गए हैं।पाठ्यक्रम संशोधित करने की कार्यवाही से यह स्पस्ट हैं कि विगत वर्षो के चयन में काफी असमानता हैं परन्तु अभी तक बिना संशोधन किये इस वर्ष से विज्ञप्ति जारी कर दी गयी ।