2018 में संशोधित नियमावली लागू होने के पश्चात प्रत्येक चयन वर्ष में वन दरोगा के कुल रिक्त पदों के एक- तिहाई पदों को सीधी भर्ती से व शेष दो- तिहाई पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरने का निर्णय लिया गया ,किंतु चयन वर्ष 2018-19 से लेकर 2022-23 तक सभी रिक्त पदों को विभागीय पदोन्नति के माध्यम से ही भरा गया और सीधी भर्ती कोटे के पदों पर भी पदोन्नति की गई जिससे 316 पदों पर संपन्न हुई चयन प्रक्रिया के बाद अब विभाग में इतने पद रिक्त नहीं हैं ।
पूर्व में वन आरक्षी संघ द्वारा यह तथ्य माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया गया कि 2019 में वन दरोगा के कुल रिक्त पद 316 थे और नियमलवाली के अनुसार उनमें से केवल 105 पद ही सीधी भर्ती के थे ,किंतु नेता प्रतिपक्ष द्वारा बताया गया कि यदि 2019 में सीधी भर्ती कोटे के केवल 105 पद ही थे तो बाद के चयन वर्षों में रिक्त हुए पदों के एक तिहाई पदों पर चयनित युवाओं को नियुक्ति दी जाए लेकिन सीधी भर्ती के उन पदों पर तो पहले ही अतिरिक्त पदोन्नति हो चुकी है ।
गौरतलब है कि 2019 में विज्ञापन जारी होने पश्चात वर्ष 2021 में आयोजित लिखित परीक्षा के परिणाम को अनियमितताओं के चलते पूर्व में निरस्त कर पुनर्परीक्षा आयोजित की गई और परीक्षा परिणाम ,शारीरिक दक्षता परीक्षा व दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है ।
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व विधायक प्रीतम सिंह एवम उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी द्वारा वन दरोगा भर्ती प्रकरण को विधानसभा में प्रमुखता से उठाया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने सदन में सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द चयनित युवाओं को नियुक्ति दी जाए व गलत तरीके से की गई पदोन्नति की भी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।