चंद्रशेखर करगेती अधिवक्ता तथा तथाकथित आरटीआई एक्टिविस्ट का जेल जाना तय माना जा रहा है। Facebook पर जातिसूचक शब्द लिखने और झूठे शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को गुमराह करने पर हाई कोर्ट ने करगेती पर ₹2लाख जुर्माना लगा दिया था। अब निचली अदालत द्वारा गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद करगेती भूमिगत हो गया है।
करगेती के विरुद्ध वर्ष 2016 में जी आर नौटियाल सचिव SC ST आयोग तथा उप निदेशक समाज कल्याण द्वारा उनके विरुद्ध Facebook के माध्यम से गाली गलौज करने तथा उच्चाधिकारियों से उनके विरुद्ध झूठी शिकायतें करने एवं एक भ्रष्ट अधिकारी के रूप में प्रचारित एवं प्रसारित करने पर एससी एसटी एक्ट तथा आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
पुलिस द्वारा करगेती के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट आदि गंभीर धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया था। चंद्रशेखर करगेती द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में चार्जशीट को निरस्त करने की याचिका लगाई गई थी।
माननीय उच्च न्यायालय द्वारा करगेती को गिरफ्तारी पर स्टे दिया गया था। श्री नौटियाल ने के उच्च न्यायालय से अनुरोध करने पर करगेती की गिरफ्तारी पर रोक हटाते हुए ट्रायल कोर्ट को कार्यवाही जारी रखने के निर्देश दिए तथा करगेती के विरुद्ध गलत शपथ पत्र दिए जाने पर ₹2लाख का जुर्माना भी लगाया था।
जिला न्यायाधीश ने 13 अगस्त को देहरादून माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों अनुपालन में करगेती के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। न्यायालय द्वारा अगली सुनवाई 30 अगस्त 2018 नियत की गई है।
अभी बताते चलें कि पूर्व में भी ट्रायल कोर्ट द्वारा करगेती को न्यायालय में उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए गए थे। किंतु वह उपस्थित नहीं हुआ था।
कानूनविदों का कहना है कि करगेती के विरुद्ध जिन धाराओं में आरोप पत्र दायर किया गया है, उस में जमानत मिलना मुश्किल है। नौटियाल ने माननीय उच्चतम न्यायालय में भी कैविएट दाखिल कर दिया है, ताकि करगेती के सुप्रीम कोर्ट जाने की स्थिति में उसे वहां से भी कोई रिलीफ ना मिल सके।
थाना बसंत बिहार के एसओ हेमंत खंडूरी ने बताया कि करगेती के खिलाफ गैर-जमानती वारंट तामील कराने के लिए पुलिस बल हल्द्वानी भेजा जा रहा है।