कुलदीप एस राणा
प्राधिकरण के प्रोजेक्ट फाईनेंस मैनेजमेन्ट सिस्टम से लैस (PFMS)
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण कार्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्रोजेक्ट फाईनेंस मैनेजमेन्ट सिस्टम (PFMS) का सुभारम्भ किया गया। PFMS के माध्यम से प्रधिकरण के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में विकास को तेजी से पूर्ण करने में अब काफी सहूलियत मिल सकेगी।
अभी तक एमडीडीए मैनुअली ही विकास कार्यो को संपादित कर आ रहा था जिससे कई बार गलतियों की संभावना भी रहती थी ओर कार्यो के निष्पादन में 2 से 3 वर्ष तक लग जाते थे लेकिन इस नई तकनीक के माध्यम से एमडीडीए गूगल की मदद वास्तविक स्थितियों की समीक्षा करने के साथ साथ संबंधित निर्माणकर्ता को भुगतान संबंधी सहूलियत भी उपलब्ध हो पाएगी ।
PFMS तकनीक को एमडीडीए में लागू करने का पूरा श्रेय प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ आशीष कुमार को जाता है डॉ आशीष कुमार ने वीसी के चार्ज संभालते ही प्राधिकरण की कार्यशैली में के अमूलचूल बदलाव किए जिससे जनता को अधिक से अधिक सहूलियतें प्रदान की जा सके। एमडीडीए के PFMS तकनीक से लैस हो जाने से अब प्राधिकरण के द्वारा संपादित होने वाले सारे विकास कार्य वीसी के विजलेंस की जद में आ जायेंगे जिससे भ्र्ष्टाचार पर भी लगाम कसी जा सकेगी
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन द्वारा प्रदान किया गया ISO सर्टिफिकेट भी प्राधिकरण को प्रदान किया । एमडीडीए के ISO सर्टिफाइड होने के बाद अब प्राधिकरण अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त हो गया है एमडीडीए को ISO सर्टिफिकेट देने से पूर्व उक्त अंतराष्ट्रीय ऑर्गनाइजेशन के अधिकारियों द्वारा प्राधिकरण की कार्यशैली का बारीकी से निरीक्षण किया गया जिसके उपरांत पूर्ण रूप से संतुष्ट होने के बाद ही यह सर्टिफिकेट एमडीडीए को प्रदान किया गया
कार्यक्रम में एमडीडीए वीसी डाॅ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा उक्त PFMS सिस्टम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब –
1. प्राधिकरण में विभिन्न विकास कार्यों की स्वीकृति साॅफ्टवेयर के माध्यम से की जायेगी।
2. अब इस सॉफ्टवेयर के द्वारा ही प्रोजेक्ट के एस्टीमेट तैयार किए जाएंगे व सभी शेड्यूल ऑफ रेट सिस्टम पर उपलब्ध रहेंगे ।
3. विकास कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी जीओ टैग्ड फोटोग्राफ के माध्यम से उपलब्ध रहेगी।
4. समस्त विकार्यों की एम0बी0 साॅफ्टवेयर के माध्यम से पूर्ण की जायेगी। (ई-एम0बी0)
5. एम0बी0 निरीक्षण करने में लेखाअनुभाग को काफी समय लगता था साॅफ्टवेयर के माध्यम से एम0बी0 का निरीक्षण किया जायेगा जिससे समय की बचत होगी व त्रुटि होने की सम्भावना नगण्य हो जायेगी।
6. साॅफ्टवेयर द्वारा प्रत्येक कार्य का प्रगति विवरण उच्चाधिकारियों को उनके डैश बोर्ड पर उपलब्ध रहेगी तथा विलम्भ होने की स्थिति में सम्बन्धित अधिकारी का लागइन ब्लाॅक हो जायेगा एवं उपाध्यक्ष द्वारा ही पुनः स्वीकृति के पश्चात संचालित किया जा सकेगा जिससे परियोजनाओं के ससमय निस्तारण किया जा सकेगा।
7. साॅफ्टवेयर के माध्यम से टेन्डरिंग की प्रक्रिया को भी पूर्ण किया जायेगा।
8. उक्त साॅफ्टवेयर को लेखा अनुभाग के साथ एकीकृत किया गया है जिससे कार्यदायी संस्था को उनके कार्य के अनुपात में ही भुगतान आर0टी0जी0एस0 व नेट बैंकिग के माध्यम से किया जायेगा।
मुख्यमंत्री द्वारा प्राधिकरण उपाध्यक्ष को आई0एस0ओ0 9001(क्वालिटी मैनेजमेन्ट सिस्टम), आई0एस0ओ0-14001 (एन्वाइरमेन्टल मैनेजमेन्ट सिस्टम) एवं ओ0एच0एस0ए0एस0-18001 (औक्यूपेशनल हैल्थ व सेफ्टी मैनेजमेन्ट सिस्टम) के प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गये । इसके साथ ही प्राधिकरण उत्तराखण्ड की ऐसी पहली संस्था बन गयी है जो ISO CERTIFIED है एवं जिसको उक्त प्रमाण पत्र प्राप्त है।