मुज़फ्फरपुर और देवरिया प्रकरणों के बाद केन्द्र सरकार ने देशभर में सोशल ऑडिट के आदेश दिये, लेकिन उत्तराखण्ड की महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री सुश्री रेखा आर्या एक दिन पहले ही प्रदेश के संदर्भ में ऐसे आदेश कर चुकी थीं।
बाल संरक्षण गृह और स्वाधार केन्द्रों में दुष्कर्मों के मामले सामने आने के बाद हतप्रभ केन्द्रीय महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश के 9000 से अधिक बाल संरक्षण गृहों के सोशल ऑडिट के आदेश जारी किये, लेकिन उत्तराखण्ड की मंत्री ने मंगलवार यानि एक दिन पहले ही विधानसभा में अधिकारियों की बुलायी बैठक में प्रदेश में स्वतंत्र समिति से प्रदेश के समस्त संरक्षण गृहों से जांच यानि सोशल ऑडिट के आदेश कर दिये थे।
इस मामले में केन्द्र सरकार से एक कदम आगे दीख रही प्रदेश सरकार की समिति अगर पहले गठित हो जाती है, तो देशभर से आने वाली रिपोर्ट से पहले ही, राज्य सरकार की रिपोर्ट सामने आ चुकी होगी।
बाल संरक्षण गृह और स्वाधार केन्द्रों में दुष्कर्मों के मामले सामने आने के बाद हतप्रभ केन्द्रीय महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश के 9000 से अधिक बाल संरक्षण गृहों के सोशल ऑडिट के आदेश जारी किये, लेकिन उत्तराखण्ड की मंत्री ने मंगलवार यानि एक दिन पहले ही विधानसभा में अधिकारियों की बुलायी बैठक में प्रदेश में स्वतंत्र समिति से प्रदेश के समस्त संरक्षण गृहों से जांच यानि सोशल ऑडिट के आदेश कर दिये थे।
इस मामले में केन्द्र सरकार से एक कदम आगे दीख रही प्रदेश सरकार की समिति अगर पहले गठित हो जाती है, तो देशभर से आने वाली रिपोर्ट से पहले ही, राज्य सरकार की रिपोर्ट सामने आ चुकी होगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य मंत्री रेखा आर्या महिला कल्याण और बाल विकास को अपनी प्राथमिकता बता चुकी हैं। उत्तराखंड में बाल संरक्षण गृहों व नारी निकेतनों की दयनीय दशा को लेकर वह बड़ी चिंतित हैं और इनकी स्थिति सुधारने के लिए वह लगातार इन जगहों का निरीक्षण कर रही हैं। उम्मीद है तमाम तरह की ऐसी अव्यवस्थाएं जल्द ही पटरी पर दुरुस्त नजर आने लगेंंगी।