अमित तोमर
यह चित्र देख आपकी आंखों में पानी आ जायेगा और आप सोचेंगे यह नीच कृत्य किसी गौतस्कर का ही हो सकता है परंतु इस नीच कृत्य में कोई गौतस्कर लिप्त नही अपितु यह हरकत है उत्तराखंड सरकार की।
आज दोपहर 2 बजे अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद (देहरादून ग्रामीण) के जिला मंत्री मदन ने एक ट्रक रोका जिसमे गौवंश बुरी तरह ठूसा गया था। एक गाय और एक बछड़ा मरे पड़े थे और तीन गाय और एक बछड़ा जीवित थे। ट्रक को सड़क किनारे खड़ा करवाकर तत्काल इसकी सूचना चौकी प्रभारी हरबर्टपुर को दी गयी। जब ट्रक चालक से पूरा माजरा पूछा तो पता चला कि उत्तराखंड सरकार की किसी स्कीम के तहत चार गाय और चार बछड़ों को पौड़ी गढ़वाल से विकासनगर लाया जा रहा था। रास्ते मे दम घुटने से दो बछड़़ों ने दम तोड़ दिया तो चालक ने उन दो बछड़ों को रास्ते मे ही फेंक दिया।
विकासनगर पहुंचते-पहुंचते एक गाय और एक और बछड़े ने भी दम तोड़ दिया जिन्हें फेंकने की फिराक में चालक उपयुक्त स्थान ढूंढ रहा था कि तभी अहिप और राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गाड़ी रोक ली।
गाड़ी चालक ने पशुपालन विभाग के उच्च अधिकारी डॉ अशोक का नंबर दिया जो उलटा कार्यकर्ताओं को ही फोन पर धमकाने लगे और सरकारी काम मे बाधा डालने पर कानूनी कार्यवाही की धमकी देने लगे। जब उनसे पशु क्रूरता अधिनियम के विषय पर पूछा तो वो वो सकपका गए और फोन काट दिया। कार्यकर्ताओं द्वारा जीवित गौवंश की जांच हेतु तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क किया तो वो नशे में धुत था और बोला कि गाय को सुबह देखेगा। किसी प्रकार एक फार्मासिस्ट को लाया गया और जीवित गौवंश को एक डेरी में रखवाया गया। पुलिस ने कार्यवाही करने से ही मना कर दिया।
क्या इन मासूम बेज़ुबान गौवंश की निर्मम हत्या का दोषी प्रशासन और सरकार नही जो सभी नियमो और कानून को ताक पर रख ऐसे घिनोने कृत्यों को अंजाम दे रही है !
अभी आज ही अखबार में पढ़ा तो पता चला कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की पैरवी करते हुए प्रधान मंत्री को चिट्ठी लिखी है। ये कोरा ढोंग क्यों, जब सरकार स्वयं मासूम गौवंश की हत्या में जुटी है।
कल सड़कों पर उतरेगा अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद।