ऋषिकेश स्थित गंगा रिजॉर्ट में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किये जा रहे अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के दौरान साधकों ने आज गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के उद्देश्य से विभिन्न आसनों का सामूहिक प्रदर्शन किया।
देश-विदेश से पहुंचे योग साधकों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के समक्ष वीरभद्रासन, सेतुबंधासन तथा राजकपोतासन का सामूहिक प्रदर्शन किया।
आज गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड हेतु योग साधकों को वीरभद्र आसन,सेतुबन्धासन सहित राजकपोतासन का पूर्व रिकार्ड तोड़ने के लिये आयोजन समिति ने पहल शुरू की। रिकार्ड के लिए वीरभद्रासन जिसका कि पूर्व में 400 योग साधकों के द्वारा एक साथ करने का रिकार्ड था, उसे 897 योग साधकों ने एक साथ लगातार 2 राउण्ड में सफलतापूर्वक किया। उसके बाद सेतुबन्धासन जिसका कि पूर्व में 200 योग साधकों का वर्ल्ड रिकार्ड है, उसे 897 साधकों ने एक साथ कर विश्व रिकॉर्ड का दावा किया। तीसरा और अंतिम आसन राजकपोतासन जो कि पूर्व में 285 योग साधको ने एक साथ पूर्ण किया गया था उसे लगभग 761 प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से प्रदर्शित कर सबको रोमांचित कर दिया।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने इस प्रयास के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम को बधाई देते हुए कहा कि इस बार आयोजन को एक नया स्वरूप देने का प्रयास किया गया है और इसी क्रम में विभिन्न प्रकार के नवाचारों का सम्मिश्रण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से उत्तराखंड सरकार विश्व भर के साधकों को योग भूमि ऋषिकेश में आमंत्रित करती है, जिससे उन्हें योग साधना की बारीकियों को सीखने का मौका मिलता है।उन्होंने कहा कि इस आयोजन से राज्य के योग तथा वैलनेस पर्यटन को विश्व भर में एक नई पहचान मिल रही है.
गढ़वाल मंडल विकास निगम की प्रबंध निदेशक ज्योति यादव ने बताया कि योग महोत्सव को और अधिक रोमांचक तथा उत्साहजनक बनाने के उद्देश्य से निगम द्वारा यह पहल की गई है।उन्होंने कहा कि कल भारी बारिश के बाबजूद गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड की तैयारियों को लेकर रात भर निगम के अधिकारी तथा कर्मचारी जुटे रहे। उन्होंने कहा कि गिनीज बुक की टीम और योग साधकों के सामूहिक प्रयास से इस मिशन में सफलता प्राप्त की गई। उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में साक्ष्यों के बारीकी से निरीक्षण करने के पश्चात संबंधित संस्था द्वारा वर्ल्ड रिकार्ड तोड़ने सहित परिणाम की जानकारी दी जायेगी।