राज्य में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने विश्वविख्यात विंटर डेस्टिनेशन औली में स्कीइंग कोर्स तथा राष्ट्रीय जूनियर स्कीइंग प्रतियोगिता के आयोजन हेतु आवश्यक कार्यवाही आरंभ कर दी है। इसके लिए बर्फ बनाने की मशीन का जरूरी रिपेयर करवा लिया गया है और कृतिम बर्फ बनाने का कार्य शुरू हो गया है। गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा सोशल मीडिया और वेबसाइट के माध्यम से आकर्षक स्किंग पैकेजों का प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि स्नो मेकिंग मशीन के माध्यम से बर्फ बनाने का काम शुरू हो गया है।उन्होंने कहा कि स्नो मेकिंग मशीन के लिए समुचित रखरखाव को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट के जाने का प्रस्ताव है। जिसके क्रम में 17 दिसंबर को फ्रांस से पोमा कंपनी के इंजीनियर मेंटेनेंस कांटेक्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जूनियर वर्ग की राष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिता की आयोजन की स्वीकृति प्राप्त हो गई है और फरवरी के प्रथम सप्ताह से इस प्रतियोगिता को आरंभ किए जाने की योजना है। साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में दक्षिण एशियाई स्कींग प्रतियोगिता के आयोजन हेतु प्रयास किए जा रहे हैं और इसकी अनुमति अभी तक विचाराधीन है।
उन्होंने पर्यटन और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करने पर बल देते हुए कहा कि सर्दियों में सामान्यतः घूमने के प्रयोजन से जाने वाले पर्यटक स्कीइंग स्लोप मे गंदगी फैला देते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। इस पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से स्कीइंग स्लोप पर जाने वाले पर्यटकों के लिए एक अनिवार्य न्यूनतम शुल्क की व्यवस्था शीघ्र ही आरंभ की जाएगी।
गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा प्रतिवर्ष औली में स्कीइंग कोर्सेज आयोजित करवाए जाते हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक श्री बीएल राणा ने बताया कि इस वर्ष सात दिवसीय तथा 14 दिवसीय स्कीइंग कोर्स आयोजित करवाए जा रहे हैं. सात दिवसीय कोर्स के लिए 30 सीटें जबकि 14 दिवसीय कोर्स के लिए 10 सीटें रखी गई हैं। स्किन कोर्सेज का आरंभ जनवरी माह के प्रथम सप्ताह से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि निगम द्वारा स्कीइंग के सफल संचालन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
जिस तरह से दिसंबर माह में ही मौसम ने करवट बदली है. उसे देखते हुए लगता है कि इस बार सर्दियों में जमकर बर्फबारी होगी और एडवेंचर प्रेमी स्कीइंग का भरपूर लुत्फ उठा सकेंगे. यदि ऐसा होता है तो यह राज्य के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर होगी.