ऋषिकेश से आई जल पुलिस की टीम ने ताम्बाखानी के पास नदी में खोजी डेड बॉडी।
गिरीश गैरोला
गुरु वार शाम को तिलोथ के पास गंगा भागीरथी के पास क्रेकेट खेल रहे बच्चों की नदी में गिरी बाॅल को खोजने गए दो मासूम बच्चे नदी की तेज धार के साथ बह गए थे। किंतु बहुत तलाशने के बाद भी बच्चों के शव नही मिल सके। तीसरे दिन निम और एसडीआरएफ की गोताखोर बचाव टीम ने घटना स्थल से बच्चों के वजन के बराबर डमी भी पानी मे गिराकर उसकी निशानदेही पर फिर से तलाशी अभियान चलाया। और ताम्बाखानी के पास दोनों बच्चों के शव एक साथ मिल गए।
वहीं मुनि की रेती ऋषिकेश से जल पुलिस एसडीआरएफ की पांच सदस्यीय टीम के प्रभारी हेड कॉन्स्टेबल सुरेश कुमार ने बताया कि ढलान पर बहती भागीरथी जब ताम्बा खानी के पास पहुंचती है, तब वहां पानी रुक जाता है और घूमने लगता है। इसी स्थान पर पूर्व में बहे शव मिलते रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिजनों के कहने पर उन्होंने तलाशी अभियान तिलोथ से चलाया जिसके चलते देरी हुई। उन्होंने बताया कि पहाड़ी नदियों के ठंडे जल में गोताखोर कुछ नही कर पाता है।
पहाड़ों में अक्सर दुर्घटनाओं में नदी में बहने की घटना पर कई दिनों तक डेड बॉडी का पता नही चल पाता है। यहां तक कि बड़ी बस का भी जल्दी से पता नही चल पाता। गोताखोर भी रुके हुए पानी मे ही पानी मे उतर सकते हैं, किंतु पहाड़ी नदी के ठंडे पानी मे ज्यादा देर तक पानी मे रुकना भी संभव नही होता। ये पहाड़ की बिडम्बना है।