एक सप्ताह से लगातार मीडिया की सुर्खियों में छाए समाचार प्लस वाले स्टिंग प्रकरण प्रकरण में हाईकोर्ट की फटकार के बाद पहली बार मुख्यमंत्री मीडिया के सामने आए और स्टिंग प्रकरण को लेकर अपना स्पष्टीकरण दिया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टिंग करना अच्छी बात है लेकिन स्टिंग करने के पीछे की मानसिकता भी देखी जानी चाहिए।” इस पर भी विचार होना चाहिए कि स्टिंग के पीछे का उद्देश्य क्या है!”
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर को 5 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगने के बावजूद देहरादून कोर्ट ने सिर्फ 7 घंटे की पुलिस रिमांड मंजूर की थी।
किंतु 1 नवम्बर को सुबह 10:00 से 4:00 बजे तक चले सर्च अभियान के 7 घंटे बाद भी पुलिस कुछ भी नया हासिल नहीं कर सकी और खाली हाथ लौट आई थी।
सरकार के लिए यह पहला झटका था।
इसके बाद एक नवंबर को ही राहुल भाटिया हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे लेने में कामयाब रहा। सरकार के लिए यह दूसरा झटका था।
तीसरा झटका तब लगा, जब आज समाचार प्लस के दो और सहयोगियों को भी हाईकोर्ट ने न सिर्फ गिरफ्तारी पर स्टे दे दिया बल्कि अफसरों के भ्रष्टाचार को लेकर कड़ी टिप्पणी भी की।
एक के बाद एक तीन झटकों से सरकार भी बैकफुट पर आ गई है। मुख्यमंत्री के हालिया स्पष्टीकरण को इसी नजरिए से देखा जा रहा है।
इसके अलावा 1 नवम्बर को हाईकोर्ट ने एक और ऑर्डर जारी किया है, जिसमें स्टिंग प्रकरण में जितने भी लोगों के नाम सामने आए हैं उन सब की जांच कराने के आदेश दिए गए हैं।
एक अक्टूबर को उमेश कुमार के खिलाफ विजय मलिक नाम के व्यक्ति ने राजपुर थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया है। स्टिंग प्रकरण के हल्के पड़ते शिकंजे के बाद दूसरे मुकदमों से घेरने की तैयारी का जनता में उल्टा संदेश भी जा रहा है।
जनता में यह माहौल बन रहा है कि सरकार अपने अधिकारियों को बचाने के लिए स्टिंग करने वालों को ही जेल भेजना चाहती है। “जबकि भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ भी कार्यवाही की जानी चाहिए।”