नीरज उत्तराखंडी
बुधवार शाम को लगभग 7:00 बजे वरुणावत पहाड़ी से भूस्खलन होने से कई दुकानों को नुकसान पहुंचा और 3 लोगों को घायल होने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
तांबाखाणी सुरंग के साथ लगे इन्दिरा कालोनी में बरसात से ढीले पत्थर गिरने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान एवं क्षेत्रीय विधायक गोपाल सिंह रावत मौके पर पंहुचे। उन्होंने मौके पर तैनात उप जिलाधिकारी एवं पुलिस को दुकानों एवं वहां रह रहे परिवार के घरों को खाली कराने के निर्देश दिए। तथा इन्दिरा कालोनी तथा पत्थर गिरने वाली जगह पर आस्का लाईट के साथ ही कृत्रिम प्रकाश के बढ़ाने के निर्देश मौके पर दिए। दुकान के ऊपर पत्थर गिरने से तीन लोग सामान्य घायल हुए। जिनका उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है।
गौरतलब है कि वरुणावत के ट्रीटमेंट पर 200 करोड रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन हालात अभी भी ज्यों के त्यों है वरुणावत को लेकर हुई एक बड़े घोटाले में अभी तक भी दोषियों को सजा नहीं हुई है।
जिलाधिकारी एवं विधायक श्री रावत जिला अस्पताल में पंहुचकर घायलों का हालचाल जाना तथा डाक्टरों को घायलों के इलाज हेतु आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने डाक्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि अस्पताल में सभी वार्ड खुले रखें जाए तथा डाक्टरों की ड्यूटी की तैनाती करते हुए एंबुलेंस आदि की पर्याप्त व्यवस्था रखें।
गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने मौके पर पंहुचकर स्थिति का जायजा लिया। वहां व्यवसाय एवं निवास कर रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर ठहराने के निर्देश प्रशासन को दिए। विधायक श्री रावत जिला अस्पताल में पंहुचकर घायलों का हालचाल जानते हुए उन्हें तत्काल आवश्यक उपचार करने के निर्देश दिए। विधायक श्री रावत ने कहा कि तीनों घायल खतरे से बाहर है। उन्होंने इन्दिरा कालोनी में बिजली को चालू रखते हुए वैकल्पिक कृत्रिम प्रकाश की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
उसके उपरान्त जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान एवं गंगोत्री विधायक ने संबंधित अधिकारियों की आपात बैठक लेते हुए इन्दिरा कालोनी में अपने घरों में रह रहे परिवार के लोगों को काली कमली एवं बिरला धर्मशाला में ठहराने हेतु उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने धर्मशाला में रहने वाले लोगों की खाने पीने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश जिला पूर्ति अधिकारी को दिए। पत्थर गिरने वाली जगह की निगरानी रखने के लिए वाचर की टीम तैनात करने के निर्देश दिए। एसडीआएफ टीम के साथ पीआरडी जवान एवं पुलिस के हैडकांस्टेबल की तैनात करने के निर्देश दिए। एसडीआरएफ सुरक्षित तरीके से सक्रिय रूप से निगरानी करेगी। उन्होंने कहा कि वाचर को सुरक्षित स्थान पर ठहरने के साथ ही वायरलेस आदि से लैश करें। इसमें वन विभाग के रेंजर की भी तैनात करने के निर्देश दिए। वाचर पूरी गतिविधियों पर नजर बनाएं रखेंगे। वाचर पुलिस एवं आपदा कंट्रोल रूम को गतिविधियों की जानकारी देते रहेंगे। उन्होंने पत्थर गिरने वाले स्थान के निरीक्षण के लिए जांच कमेटी गठित की है। जिसमें अधीक्षण अभियंता लोनिवि अधिशासी अभियंता और अधिशासी अभियंता सिंचाई को रखा गया है। इस मौके पर जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, अधिशासी अभियंता विभु विश्वामित्र रावत, लोकेन्द्र चौहान, जिला पूर्ति अधिकारी गोपाल सिंह मटूड़ा, एसडीआरएफ आदि मौजूद थे।