झूठे आरोपो में न्यायलय की चौखट पर मिला न्याय।
बिरोधियो के खिलाफ जमकर निकाली भड़ास -पालिका बड़कोट का मामला
गिरीश गैरोला
राज्य सरकार के खिलाफ कांग्रेस की जनाक्रोश रैली में मंच से भाजपा सरकार में अपने विरोधियों के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त करते हुए बड़कोट पालिका के निवर्तमान अध्यक्ष अतोल रावत ने न्याय पालिका पर विस्वास व्यक्त करते हुए बताया कि किस तरह से झूठे आरोप लगाने वालो को मुह की खानी पड़ी। हालांकि उनका कार्यकाल अन्य की तुलना में 9 महीने कम कर दिया गया किन्तु इतने समय भी उन्हें चैन से काम नही करने दिया गया इसके बाद भी वे विचलित नही हुए।
वर्ष 2022 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को मुख्यमंत्री बनने की शुभ कामनाओं के साथ उत्तरकाशी के हनुमान चौक में जनसभा को संबोधित करते हुए बड़कोट नगर पालिका के निवर्तमान चेयर मैन अतोल रावत ने उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
उन्होंने सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रॉवत पर दिन में जीरो टॉलरेन्स की बात और साम 6 बजे के बाद सचिवालय और सीएम आवास के आसपास अपने गुर्गों के माध्यम से फ़ाइल क्लियर करने का आरोप लगाया।
गुस्साए अतोल रावत ने कहा कि उन्हें कांग्रेसी होने के चलते पालिका में काम नही करने दिया गया। प्रदेशभर में पालिका का कार्यकाल 5 वर्ष का रहा, जबकि उनकी पालिका बड़कोट को महज 9 महीने कम, अर्थात 4 वर्ष तीन महीने का ही समय दिया गया, किंतु वे भी अंत समय तक डटे रहे और दुश्मनों को ललकारते रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार से बड़कोट पालिका के लिए राजीव गांधी आवास योजना में करोड़ो रुस्वीकृत कराए थे किंतु राजनैतिक प्रतिद्वंदीता के चलते उस धन को शासन स्तर पर रोक कर उसे कर्मचारियों का वेतन में खर्च कर दिया और आवास आवंटन में घपले का आरोप लगाते हुए जांच पर जांच सुरु करवा दी। न्यायालय ने तत्कालीन डीएम की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने प्रतीत होना शब्द की व्याख्या करने और घोटाले की धनराशि का खुलासा करने के लिए 14 दिन का समय दिया जिसके बाद तत्कालीन डीएम उत्तरकाशी ने साफ लिखा कि उक्त मामले में कोई वित्तीय अनियमितता नही हुई है।
जाहिर है कि उन्हें बेवजह परेसान किया गया। उन्होंने bjp के एक विधायक एक पूर्व विधायक और उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष पर अपने खिलाफ षड्यंत्र करने के भी आरोप लगाया। उन्होंने चेतवानी दी कि सरकार चाहे निकाय चुनाव 6 महीने पीछे ले जाय तब भी कांग्रेस मजबूती से मैदान खड़ी दिखाई देगी हालांकि सरकार ने निकाय में आरक्षण को अपने मॉन माफिक कर चुनावी गणित बिगाड़ने की भरपूर कोशिश की है। फिर भी चुनाव में विरोधियों के कपड़े उतरने तय है।