उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने 13 मार्च को नई दिल्ली में सुबह 11:00 बजे एक प्रेस कांफ्रेंस रखी है। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 28 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड नई दिल्ली में बुलाई गई है। इससे पहले सतपाल महाराज ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में पहुंचकर आलाकमान के सामने अपनी बात रखी है।
आखिर सतपाल महाराज को यह प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी !
पर्वतजन की जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी 16 मार्च को राहुल गांधी की रैली के दौरान भाजपा के एक बड़े नेता के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा चला रही है।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने इस आग में घी का काम कर दिया, इंदिरा हृदयेश ने कहा कि भाजपा से एक बड़े नेता 16 मार्च को कांग्रेस का दामन थाम लेंगे। नेता प्रतिपक्ष के इस बयान से मानो आग और भड़क गई। चर्चाएं चलने लगी कि आखिर वह कौन सा नेता है जो 16 मार्च को कांग्रेस में शामिल होगा !
फिर चर्चाओं की सुई भाजपा के चार नेताओं पर आकर टिक गई, जो दल बदल के दौरान या आगे पीछे भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें पहले नंबर पर सतपाल महाराज दूसरे नंबर पर विजय बहुगुणा, तीसरे नंबर पर हरक सिंह रावत और चौथे नंबर पर यशपाल आर्य का नाम लिया जा रहा था।
जब चर्चाएं सतपाल महाराज के इर्द-गिर्द आकर सिमटने लगी तो सतपाल महाराज को इसका जवाब देने के लिए आगे आना पड़ रहा है।
सतपाल महाराज ने इंद्रा हृदयेश से यह पूछा है कि “इंदिरा हृदयेश को उसका नाम बताना चाहिए, जो 16 मार्च को भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जा रहा है !”
सतपाल महाराज का कहना है कि कांग्रेस केवल भीड़ जुटाने के लिए ऐसा शिगूफा छोड़ रही है।”कांग्रेस छोड़कर आए किसी भी नेता का वापस कांग्रेस में जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।”
पर्वतजन की जानकारी के अनुसार सतपाल महाराज का नाम इस सरकार के शुरुआत में मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे आगे चल रहा था।
सतपाल महाराज यदि इतने विरोध के बावजूद भाजपा में टिके हुए हैं तो इसके कोई साधारण मायने नहीं हो सकते। समीकरण यह भी हैं कि आने वाले समय में वह भाजपा से मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार हो सकते हैं।
अपनी स्थिति साफ करने और इंदिरा हृदयेश तथा कांग्रेस पर पलटवार करने के लिए सतपाल महाराज ने यह प्रेस कांफ्रेंस रखी है।