प्रदेश में ३०-३५ वर्षों तक प्रभारित/तदर्थ रूप में विभागीय सेवा करने वाले कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय को देखते हुए अब आंदोलन की सुगबुगाहट होने लगी है। यदि जल्द ऐसे कर्मचारियों के पक्ष में सकारात्मक फैसला न लिया गया तो इसके चौंकाने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं।
उत्तराखंड के भिन्न-भिन्न विभागों यथा सिंचाई व लोक निर्माण विभाग इत्यादि विभागों में 30-35 वर्ष तक कार्य प्रभारित/तदर्थ इत्यादि रूप से की गई सेवा के उपरान्त अधिवर्षता आयु पूरी कर सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के पेंशन इत्यादि मामले में उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय कई-कई बार फैसला दे चुका है, लेकिन सरकार उक्त आदेशों/निर्णयों के विरुद्ध हाल ही में अपै्रल 2018 को उत्तराखंड सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक ले आई, जिससे इन कर्मचारियों की पेंशन मामले में हमेशा के लिए रोक लग गई है।
न्यायालय द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुसार प्रदेश के वे सभी कर्मचारी पेंशन के हकदार होंगे, जिन्होंने 10 वर्ष की सेवा किसी भी अधिष्ठान में नियमित रूप से की हो।
सरकार द्वारा पारित विधेयक ‘उत्तराखंड सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक 2018’ की धारा 2क व ख में दी गई व्यवस्था के अनुसार इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन का रास्ता हमेशा के लिए बंद हो गया है। उक्त धारा 2क व ख में सरकार ने व्यवस्था दी है कि ‘ऐसे कार्मिक की सेवा जो पूर्णकालिक नियोजन की न हो तथा संविदा, अंशकालिक, दैनिक वेतनभोगी तदर्थ व नियत वेतन के रूप में की गई सेवा करने वाले कार्मिकों को किसी भी प्रकार की पेंशन नहीं मिलेगी, यानि इनको अर्ह नहीं माना जाएगा।
हैरानी की बात यह है कि प्रदेश के विधायक शपथ लेते ही पेंशन के पात्र हो जाते हैं, लेकिन इन गरीब कर्मचारियों के मामले में सरकार दोहरा मापदंड अपना रही है, जो कि न्यायोचित नहीं लगता है। आलम यह है कि यह कर्मचारी आज दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज हो गए हैं।
इसके लिए बकायदा जनसंघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने तहसील में ‘उत्तराखंड सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक’ के खिलाफ मोर्चा खोलकर शुरुआत भी कर दी है। इस मौके पर मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी का घेराव कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम विकासनगर जितेन्द्र कुमार को सौंपा गया। मोर्चा कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन मामले में सरकार द्वारा लागू ‘उत्तराखंड सेवानिवृत्ति लाभ विधेयक 2018’ की धारा 2क व ख को निरस्त/शिथिल करने हेतु सरकार को निर्देशित करने की मांग की है।
प्रदर्शन करने वालों में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, रवि भटनागर, मौ. असद, डा. ओपी पंवार, कुंवर सिंह नेगी, मौ. नसीम, मौ. इस्लाम, दिनेश राणा, ओपी राणा, रहवर अली, प्रवीण शर्मा पीन्नी, जयपाल सिंह, मामराज, जयदेव नेगी, भागवत बिष्ट, मुन्नालाल शर्मा, यमन चौधरी, सचिन कुमार, सुभाष शर्मा, जयकृत नेगी, सलीम मिर्जा, दरबान सिंह, गजपाल रावत, सुशील भारद्वाज आदि मौजूद थे।