• Home
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • ट्रेंडिंग
  • अपराध
  • सियासत
  • नौकरी
  • बिजनेस
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result

Home एक्सक्लूसिव

आरटीआई मे बड़ा खुलासा पंचेश्वर बांध मे: पेड़ कटेंगे उत्तराखंड में और  लगेंगे तमिलनाडु में

in एक्सक्लूसिव, खुलासा
0
1
ShareShareShare

Related posts

इस जिले में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही, एएनएम सेंटर नदी में समाया

June 29, 2022
99

3 से 8 जुलाई तक मनाया जाएगा सिद्धपीठ मां डाट काली मंदिर का 219वां वार्षिकोत्सव

June 29, 2022
31

विमल भाई 
उत्तराखंड में पंचेश्वर बांध परियोजना हेतु पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा की लगभग 3000 हैक्टेयर वन भूमि से पेड़ों को काटा जाएगा। इसकी क्षतिपूर्ति के लिए वृक्षारोपण हेतु उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा तमिलनाडु में पेड़ लगाए जाने का प्रस्ताव है। आरटीआई मे इसका खुलासा हुआ है।
प्रदेश के मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने भारत सरकार के जल संसाधन व नदी विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि उत्तराखंड में क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है। 12 अक्टूबर 2017 को रामास्वामी ने भारत सरकार के सचिव को पत्र लिखकर कहा कि उत्तराखंड के पास वृक्षारोपण के लिए पर्याप्त भूमि नहीं है।
31 अगस्त 2017 को भारत सरकार के जल संसाधन सचिव डा. अमरजीत सिंह ने रामास्वामी को पत्र लिखकर कहा था कि क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए पूरा पैसा पंचेश्वर डैम परियोजना से दिया जाएगा। इस धन से उत्तराखंड की माली हालत भी सुधरने की उम्मीद थी।
यूं तो यह परियोजना भारत और नेपाल सरकार का ज्वाइंट वेंचर है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शीर्ष प्राथमिकता में भी है। कुछ इसी बात का फायदा उठाकर उत्तराखंड सरकार अपने लिए मनचाहा हिस्सा हासिल कर सकती थी, किंतु ब्यूरोक्रेसी की लापरवाही और अनिच्छा के चलते हम चूक गए।
अहम सवाल यह है कि यदि वृक्षारोपण करने के लिए उत्तराखंड में जगह ही नहीं बची है तो क्या वन विभाग अब वृक्षारोपण नहीं कराएगा!
यदि मुख्य सचिव भारत सरकार के सम्मुख अपनी बात प्रभावी तरीके से रखते तो उत्तराखंड में भविष्य में लगभग 3000 हैक्टेयर क्षेत्रफल में होने वाले वृक्षारोपण का बजट भारत सरकार से स्वीकृत कराया जा सकता था। इस पत्र से यह प्रतीत होता है कि अब उत्तराखंड को वृक्षारोपण की जरूरत ही नहीं है। यदि क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण में उत्तराखंड की विषम भौगोलिक दृष्टि से कोई मानक आड़े आ रहा था तो उसके शिथिलीकरण के संबंध में डबल इंजन की सरकार कब काम आती। क्या शिथिलीकरण अपने स्वार्थों की क्षतिपूर्ति में ही काम आता है?
विडंबना यह है कि मुख्य सचिव के प्रस्ताव पर शासन के समीक्षा अधिकारी से लेकर सिंचाई मंत्री और मुख्यमंत्री तक ने सवाल या सुझाव देने की जरूरत नहीं समझी और यह प्रस्ताव ज्यों का त्यों भारत सरकार को भेज दिया गया।
विस्थापित होंगे उत्तराखंड के लोग, फायदा मिलेगा मध्य प्रदेश को
पंचेश्वर बांध ने उत्तराखंड के हिस्से सिर्फ बारिश, विपदा और तबाही लिखी है। पंचेश्वर बांध से विस्थापित होने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए उत्तराखंड सरकार भूमि देने के नाम पर हाथ खड़े कर चुकी है। उनके लिए उत्तर प्रदेश के बरेली आदि स्थानों में भूमि की तलाश हो रही है। पंचेश्वर बांध से विस्थापित होने वाले लोगों को बरेली में भी एकमुश्त भूमि एक जगह पर नहीं मिल पाएगी।
जाहिर है कि इससे विस्थापित होने वाले समाज की सांस्कृतिक धरोहर भी छिन्न-भिन्न हो जाएगी। यही नहीं उत्तराखंड को इससे उत्पन्न होने वाली बिजली भी नहीं मिल पाएगी। लगभग २७ प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश को मिलेगी। जिसका इस बांध के निर्माण में न तो कोई पैसा खर्च होगा, न कोई प्राकृतिक धरोहर का नुकसान होगा और न ही कोई विस्थापित होगा।
टिहरी डैम जैसे विशालकाय बड़े क्षेत्रफल वाले बांधों के बनने के बाद उस इलाके में बादल फटने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। वैज्ञानिक अध्ययन कहते हैं कि एक निश्चित एरिया में पानी के अप्राकृतिक जमाव के कारण जो वाष्पीकरण होता है, वह भारी बादलों का निर्माण करता है और वे क्लाउड ब्रस्ट की घटनाओं का कारण बनते हैं। पंचेश्वर डैम के इलाके में पहले से ही बादल फटने की घटनाएं होती रही हैं। भूकंप की दृष्टि से भी यह क्षेत्र संवेदनशील है।
ऐसे में यह तय है कि उत्तराखंड के हिस्से में बांध से सिर्फ तबाही ही आने वाली है। उत्तराखंड सरकार ने अपनी ओर से कोई भी ऐसी पहल नहीं की है, जिसमें पंचेश्वर बांध में भागीदारी करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
पंचेश्वर बांध एक बहुद्देशीय परियोजना है। इसके निर्माण के बाद उत्तराखंड के उक्त क्षेत्र में महाकाली के अधिशेष जल को सिंचाई, पेयजल और जल संवद्र्धन के कार्यों में प्रयोग किया जा सकता है। जिससे उत्तराखंड राज्य की पर्वतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, किंतु उत्तराखंड के पक्ष में इस मुद्दे को डीपीआर में शामिल करने के लिए भारत सरकार से अनुरोध करने की गंभीर कोशिश भी उत्तराखंड सरकार नहीं कर रही है।
Previous Post

यहां डीएम, एसडीएम,एआरटीओ जोश खरोश से करा रहे युवाओं को निशुल्क कोचिंग

Next Post

वीडियो: झंडा दिवस के नाम पर अवैध वसूली करती दून पुलिस

Next Post

वीडियो: झंडा दिवस के नाम पर अवैध वसूली करती दून पुलिस

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RECOMMENDED NEWS

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कल 25 जून को पहुंचेंगे रुद्रपुर किच्छा रोड स्थित भाजपा जिला कार्यालय

5 days ago
68

बड़ी खबर : उत्तराखंड की 200 बसों पर दिल्ली जाने पर लगेगी रोक

3 days ago
1

वीडियो: मंत्री जी के कैंप कार्यालय के बाहर खड़ी कार में अचानक लगी आग, अफरा तफरी।

6 days ago
1

बड़ी खबर : एमडीडीए ने 600 बीघा अवैध प्लॉटिंग पर बुलडोजर चलाकर किया ध्वस्त

4 days ago
3

BROWSE BY CATEGORIES

  • अपनी बात
  • अपराध
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • खेल
  • ट्रेंडिंग
  • नौकरी
  • पर्यटन
  • पर्वतजन
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • सियासत
  • हेल्थ

POPULAR NEWS

  • Latest uttarakhand news,

    मौसम अपडेट : जानिए कब होगी बारिश। मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बड़ी खबर : पुलिस उपनिरीक्षकों बंपर ट्रांसफर। देखें किसको भेजा कहां

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • India Post Job Recruitment 2022 : यहां निकली है बंपर भर्तियां। जल्द कर दें आवेदन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ब्रेकिंग: वन विभाग में बंपर तबादले। देखें लिस्ट

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • खुलासा : वन विभाग की मिलीभगत से वन माफियाओं ने सैकड़ों की परमिशन के आड़ में काटे हजारों हरे भरे पेड़

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

    पर्वतजन

    पर्वतजन न्यूज़ पोर्टल उत्तराखंड की ऐसी खबरों का न्यूज़ पोर्टल है, जिन खबरों को शेष मीडिया प्रकाशित करने की हिम्मत नहीं करता | यदि आपके पास कोई ऐसी खबर है, जिसे कोई दूसरा मीडिया नहीं दिखाता तो आप पर्वतजन से संपर्क कीजिए|

    Recent News

    • इस जिले में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही, एएनएम सेंटर नदी में समाया
    • 3 से 8 जुलाई तक मनाया जाएगा सिद्धपीठ मां डाट काली मंदिर का 219वां वार्षिकोत्सव
    • खुलासा : वन विभाग की मिलीभगत से वन माफियाओं ने सैकड़ों की परमिशन के आड़ में काटे हजारों हरे भरे पेड़

    Category

    • अपनी बात
    • अपराध
    • एक्सक्लूसिव
    • खुलासा
    • खेल
    • ट्रेंडिंग
    • नौकरी
    • पर्यटन
    • पर्वतजन
    • बिजनेस
    • मनोरंजन
    • साक्षात्कार
    • सियासत
    • हेल्थ

    Recent News

    इस जिले में बारिश और बाढ़ ने मचाई तबाही, एएनएम सेंटर नदी में समाया

    June 29, 2022

    3 से 8 जुलाई तक मनाया जाएगा सिद्धपीठ मां डाट काली मंदिर का 219वां वार्षिकोत्सव

    June 29, 2022
    • Contact
    • Privacy Policy

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    No Result
    View All Result
    • Home
    • एक्सक्लूसिव
    • खुलासा
    • ट्रेंडिंग
    • अपराध
    • पर्वतजन
    • संपर्क करें

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    error: Content is protected !!