एनएच 74 घोटाले की जांच करने वाले IAS सेंथिल पांडियन द्वारा सुरक्षा मांगे जाने के तत्काल बाद इस घोटाले का सर्वप्रथम खुलासा करने वाले उधम सिंह नगर के सितारगंज निवासी सुरेश गंगवार ने सुरक्षा दिए जाने की गुहार लगाई है।
पूर्व राज्यमंत्री तथा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुरेश गंगवार ने भारत सरकार के गृहमंत्री से वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए गुहार लगाई है।
पूर्व राज्यमंत्री सुरेश गंगवार ने ही सबसे पहले अपने परिवार के रामनारायण के द्वारा उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करवाई थी। इसी जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर सेंथिल पांडियन को जांच के निर्देश दिए थे।
इस घोटाले में मुख्य भूमिका तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी डी पी सिंह की थी। सरकार ने डी पी सिंह को निलंबित कर दिया था। इसकी जांच वर्तमान में एसआईटी कर रही है। सुरेश गंगवार ने आरोप लगाया है कि NH 74 घोटाले में निलंबित चल रहे डीपी सिंह ने बिहार से अपराधी किस्म के व्यक्तियों को उनकी हत्या करने के लिए बुलाया है और उनके द्वारा लगातार दूरभाष पर उन अपराधियों से बात की जा रही है। साथ ही गंगवार ने बी पी सिंह के भाई जो कि उत्तर प्रदेश में उप निरीक्षक के पद पर तैनात हैं उन पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट में 3 मार्च 2017 को गुहार लगाई थी इस पर हाईकोर्ट ने डीएम-एसएसपी को 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, किंतु अभी तक भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
इससे पहले गंगवार भारत के प्रधानमंत्री और नितिन गडकरी को भी अपनी सुरक्षा के प्रति गुहार लगा चुके हैं। सुरेश गंगवार पहले कांग्रेस के नेता थे और उन्होंने कई बार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के संज्ञान में एन एच-74 में व्याप्त धांधलियों की शिकायत की थी। लेकिन उनके द्वारा इसका संज्ञान न दिए जाने पर उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करा दी थी। वह तथा चुनाव के समय पर यशपाल आर्य के साथ ही भाजपा में शामिल हो गए थे। सुरेश गंगवार कहते हैं कि डीपी सिंह पूर्व CM के चहेते थे और उन्हीं की सलाह पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नाम से SBI नेशविला रोड देहरादून स्थित शाखा पर खाता खोला गया था। इसका संचालन पूर्व सीएम के ओएसडी कमल रावत द्वारा किया जाता था। उक्त खाते में किसानों से मुआवजे में कमीशन के नाम पर डीपी सिंह के द्वारा अवैध वसूली की गई और रकम जमा की गई उन्होंने इस तरह का शपथ पत्र भी न्यायालय में दिया हुआ है।
सुरेश गंगवार के पिता श्री प्रसाद गंगवार भी उधम सिंह नगर के जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी माता सुशीला गंगवार भी लगातार 10 वर्ष तक उधम सिंह नगर के जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने पर उनकी सुरक्षा हटा ली गई थी। पहले भी सुरेश गंगवार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गठित राज्य सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति के सदस्य के नाते उधमसिंह नगर में किच्छा बैराज में हुए 11.76 करोड़ के घोटाले को उजागर किया था।