बदतमीजी और बदसलूकी की घटनाओं के कारण आधा दर्जन दफा सुर्खियां बन चुके टिहरी के कोतवाल सुंदरम शर्मा अब खुलेआम अपने साथियों और सहयोगी पुलिसकर्मियों से फेसबुक पर अपने लिए समर्थन जुटाने के लिए उतर पड़े हैं।
टिहरी में मतगणना के दिन चुनाव प्रत्याशी के संभ्रांत परिजन तथा पत्रकारों और अन्य कर्मचारी गणों के साथ बदसलूकी को लेकर कोतवाल के खिलाफ अधिकारी कर्मचारी तथा पत्रकार गण आक्रोशित हो गए और कोतवाल के निलंबन तथा स्थानांतरण की मांग पर उतारू हो गए।
पलटवार के रूप में कोतवाल साहब ने अपने फेसबुक पर इस घटना का जिक्र करते हुए दूसरे दिन छपी हुई अखबारों की कतरनों के साथ अपने लिए समर्थन जुटाने के लिए पोस्ट अपलोड कर दी है।
कोतवाल की पोस्ट पर हो रहे शेयर कमेंट
अब इस पोस्ट को उनके साथ ही पुलिस गण शेयर कर रहे हैं तथा कोतवाल के पक्ष में अपना समर्थन तो दे ही रहे हैं। कोतवाल सुंदरम शर्मा की पोस्ट को 36 लोग शेयर कर चुके हैं तथा इस पर अभी तक 284 कमेंट तथा 541 प्रतिक्रियाएं आ चुकी हैं।
इधर कोतवाल के निलंबन की मांग को लेकर पत्रकारों ने आज से टिहरी में धरना शुरू दिया है।
नई टिहरी कोतवाल सुन्दरम शर्मा के द्वारा पुलिस थाने में न्यूज कवर करने के दौरान जिले के पत्रकारों के साथ अभद्रता करके पुलिस थाने से बाहर करने को लेकर नई टिहरी प्रेस क्लब ने एएसपी से कोतवाल सुन्दरम शर्मा को निलम्बित करने की मांग की है।
एसएसपी का कहना है कि इस मामले में कोतवाल सुन्दरम शर्मा के खिलाफ जांच बिठा दी है। जांच के बाद ही आगे निर्णय लिया जायेगा। लेकिन जांच कब तक होती है, यह बताने से बचते रहे।
यह मामला 18 नवम्बर मतदान के दिन का है, जब कोतवाल सुन्दरम शर्मा मतदान केन्द्र पर निर्दलीय प्रत्याशी के भाई के साथ उलझ गये थे और प्रत्याशी के भाई को अपने वाहन में जबरदस्ती बिठाकर थाने ले गए।उसके बाद सभी पत्रकार थाने में पंहुचे।घटना की जानकारी लेनी चाही तो उस पर कोतवाल सुन्दरम शर्मा ने पत्रकारों के साथ अभद्रता करते हुये थाने से बाहर कर दिया। इसके बाद पत्रकार जिलाधिकारी से मिले और कोतवाल सुन्दरम शर्मा के द्वारा की गई अभद्रता की जानकारी दी।
वर्दी पर लग रहा दबंगता का दाग
इससे पहले कोतवाल सुन्दरम शर्मा के द्वारा 5 बार अलग अलग जगहों पर वर्दी का रौब दिखाने का मामला सामने आया है।
1. कोटी कालोनी मेले के दौरान देहरादून से आये पत्रकारों से बदतमीजी कर दी।
2. उप्पु गांव की महिलायें विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे उन महिलाओं के साथ बदसलूकी कर दी।
3.नई टिहरी के बौराडी में मोमो खाने के बाद उन्हे पैसा नही देने पर दुकान मालिक से मारपीठ कर दी।
4. निर्दलीय प्रत्याशी के भाई के साथ हाथापाई करके उसे थाने में लाकर पिटाई करना।
5-टिहरी में कार्यारत कर्मचारियों का जिला कार्यालय के बाहर मागों को लेकर धरना चल रहा था, उस दौरान सुन्दरम शर्मा के द्वारा कर्मचारियों के साथ अभद्रता की थी।
देखना यह है कि पत्रकारों के साथ साथ टिहरी के नागरिकों का यह आक्रोश तथा कोतवाल सुंदरम शर्मा का सोशल मीडिया पर आकर इंसाफ तथा समर्थन मांगना क्या रंग लाता है !
कोतवाल सुंदरम शर्मा का सोशल मीडिया पर अखबारों की कतरनों को अपलोड करने को उच्चाधिकारी अनुशासन की कौन सी श्रेणी में रखते हैं, यह भी देखने वाली बात होगी।
पत्रकार संगठनों के धरने पर क्या निर्णय होता है यह तो भविष्य की बात है, लेकिन यह बात भी गौर करने लायक है कि आखिर कोतवाल को सोशल मीडिया पर क्यों आना पड़ा ! क्या उन्हें अपने उच्चाधिकारियों तथा डिपार्टमेंट पर भरोसा नहीं रहा !
इन सब के इतर यह सवाल भी अपनी जगह कायम है कि कोतवाल और टिहरी के लोगों की इस जंग में अंजाम चाहे जो भी हो लेकिन रील तो सरकार की ही धुल रही है।