सुनील नवप्रभात
देहरादून वन प्रभाग में 4 महीने में 3 टस्कर हाथियों की मौत किसी भी वन्य जीव प्रेमी….संवेदनशील व्यक्ति को विचलित कर सकती है….प्राकृतिक मौत भी हुआ करती हैं….जिस पर अनजाने में कई बार लोग बखेड़ा कर देते हैं….लेकिन, ये तीनों मौतें कतई प्राकृतिक मौतें नहीं हैं….16 सितम्बर को थानों रेंज में हाथी मृत मिला….जिसके दोनों दांत तस्कर काट कर ले गए थे….जब ये तस्कर पकड़े गए तो एक और चोंकाने वाला खुलासा हुआ….ध्यान से पढ़ियेगा….मामला बेहद गम्भीर है।तस्करों ने जो राज खोला उससे राज उगलवाने वाले खुद सकते में आ गए….16 जुलाई को लच्छीवाला रेंज में एक हाथी का कंकाल मिला था….
हाथी जो दुनिया में जमीन पर पाए जाने वाला सबसे विशालकाय स्तनपायी जानवर है….उसके थुलथुले भारी भरकम शरीर को कंकाल बनने में कितना समय लगा होगा….आप खुद से अंदाजा लगा लीजिए….इसका मतलब महीनों से यहां कोई गश्त ही नहीं हुई….जिसके नाम पर जंबो जेट फ़ौज और खर्चे के हिसाब से फाइलें भर जाती हैं….
खैर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से DFO देहरादून के द्वारा बताया गया कि ये एक मादा हाथी था….लिहाजा पोचिंग की सारी सम्भावनाएं….आशंकाएं स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं….लेकिन…दुर्भाग्य से 16 सितंबर को थानों रेंज में फिर एक टस्कर हाथी मरा पाया जाता है….चौकी से महज 500 मीटर दूरी पर….शाम 3 बजे जाकर इसका पता लग पाता है….शायद वो भी मादा हाथी ही निकलता….इस राज का कभी भी पर्दा फाश नहीं हो पाता….अगर दुर्भाग्य से 16 सितंबर की सुबह इसपर ग्रामीण महिलाओं की नजर न पड़ी होती….चूंकि गवाह…साक्षात मौजूद थे….सो वन विभाग को जैसा था…वैसे की स्थिति में इस बात को मजबूरन स्वीकार कर लेना पड़ा….कि सुबह से दोपहर की इस अवधि में हाथी के दान्त काट लिए गए….बहरहाल….2 शिकारी पकड़े गए….40 किलो वजनी दोनों दान्त भी बरामद कर लिए गए….वन विभाग ने फारेस्टर समेत 3 वनकर्मियों को सस्पेंड कर दिया….ये सस्पेंशन पहाड़ी लहजे में एक तरह का गौदान था…. खुद पर आंच न आए….खुद के गले की फांस दूर करने के लिए….
पकड़े गए दोनों शिकारियों ने पूछताछ में ये खुद ही उगल दिया कि लच्छीवाला में जिस हाथी का कंकाल मिला था….वो कोई मादा हाथी नहीं था….बल्कि टस्कर था….और उन्होंने ही उसे भी जहर देकर मार गिराया था….और फिर 80हजार में उसके दांत भी उन्होंने बेच दिए थे….
सवाल उठता है कि जब दांत से लेकर शिकारियों की धरपकड़ होने के बावजूद आपने 3 मातहात कर्मियों को सस्पेंड कर दिया…उन कर्मियों को ….जिनको आप जानते हैं कि मौका ए वारदात के दिन आपने उन्हें दूसरी जगह प्लांटेशन के लिए भेज दिया था….फिर उन अधिकारियों….डॉक्टरों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई….जिन्होंने लच्छीवाला के टस्कर को….जिसके दोनों दांत शिकारी ले गए थे….मादा दिखाकर पूरे मामले को ही एक तरह से रफा- दफा कर दिया था…
क्या आप बता सकते हैं कि कार्रवाई तो दूर उन अधिकारियों से स्पष्टीकरण तक तलब क्यों नहीं किया गया ?….दोहरे मापदंड क्यों….वो भी उन बेजुबान की कीमत पर….जिनकी रक्षा के नाम पर आपके बच्चे पल रहे हैं ?
खैर….मंगलवार को देहरादून वन प्रभाग की ही बड़कोट रेंज में फिर एक और अर्थात तीसरे टस्कर हाथी की मौत की सूचना मिली….मैने देहरादून वन प्रभाग के डीएफओ से लेकर CFऔर CCF को फोन किया ….लेकिन किसी ने भी फोन रिसीव करना उचित नहीं समझा….जब अननोन नंबर से फोन किया….तो लापरवाही वस रिसीव भी हो गया….जिम्मेदार अधिकारी का अविश्वास भरा पहला बयान था कि – हाथी बीमार था….बहुत दिनों से हम लोग इस हाथी को वॉच कर रहे थे….ठीक है….जब आप बहुत दिनों से वॉच कर रहे थे….तो फिर हप्ते भर पहले उसकी मौत हो गई…..और आपको हवा तक नहीं लगी….क्यों ?….अगर हाथी बीमार था….आपको पता था….तो फिर उसको समय रहते उपचार क्यों नहीं दिया गया ?….क्या विभाग करीब 20 साल के इस युवा हाथी के अपनी मौत मरने का इंतज़ार कर रहा था ?…. या फिर इस हाथी को भी जहर देकर मार गिराया गया था ? ….गलती से शिकारी जहर खाने के बाद जीवन संघर्ष कर रहे इस बलशाली युवा हाथी को ट्रेस नहीं कर पाए? ….और ये वनकर्मियों की खुशनसीबी थी कि हाथी मरा तो मरा….उसके दांत सुरक्षित रह गए….इससे भी ज्यादा सुकून ये कि नौकरी बच गई….
बहरहाल, TOP TO BOTTOM….अगर HOFF को छोड़ दिया जाए तो….क्योंकि, HOFF उसी दिन अपनी गुजरात यात्रा पे निकले थे….और मैं इसका साक्षी था….इसीलिए मैंने खुद ही उनसे संपर्क करने की कोशिश नहीं की….के अलावा सम्बंधित किसी भी अधिकारी ने फोन रिसीव करने की जहमत नहीं उठाई….क्योंकि, सबसे बड़ा टास्क यही था…कि सच तो दूर….इसकी भनक भी मीडिया को न लगे….लेकिन ऐसा होता कहाँ है….कि जो हम चाहें…वही हो जाए…..वैसे चाहता तो मैं भी हूं कि हाइकोर्ट या कोई सक्षम अथॉरिटी इसका स्वतः संज्ञान ले ले…देखते हैं…. क्या पता….कुछ …..अपवाद हो जाए….
(सुनील नवप्रभात पर्वतजन के पूर्व संपादक तथा वर्तमान मे नेटवर्क18 के वरिष्ठ पत्रकार हैं। courtesy fb account )