नीरज उत्तराखंडी
पुरोला।अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट कार्यालय के पास बुधवार डेेढ दर्जन से अधिक पशुपालकों की 50 से अधिक भेड़ों की जहरीली घास खाने से मौत हो गयी। पशुपालन विभाग के चिकित्सकों द्वारा मवेशियों का उपचार किया जा रहा है और पशुपालकों के सम्मुख अब आर्थिकी का संकट गहराने लगा है। ग्रामीणों ने मुख्यमन्त्री से मुआवजे की मांग की है।
विकास खण्ड मोरी के ग्राम जखोल के भेड़ पालक अपने भेड़ बकरियों के साथ अपर यमुना वन प्रभाग के जंगलों में चरान चुगान के लिए आये हुए थे। अचानक जहरीली घास के सेवन से 50 से अधिक भेड़ों की मौत हो गयी।
ग्राम जखोल के भजन सिंह , सिलदार सिंह , गुलाब सिंह , दिनेश प्रसाद , जयवीर सिंह , हरीकृष्ण , जगमोहन सिंह,कृष्णपाल , ज्ञान सिंह , दलेब सिंह , भगत सिंह , जिन्दु लाल, श्रीचन्द , वर सिंह , सुरेन्द्र सिंह , श्रीमती रजमणी, तालीराम , बिहारी सिंह, रोलू लाल, गुलदोर सिंह , जगत सिंह , सूरमू लाल आदि की भेड़ों की मौत हुई है।
ग्राम प्रधान सूरज रावत ने मुख्यमन्त्री से सभी पशुपालकों को प्रतिकर दिये जाने की मांग की है। इधर पशुचिकित्साधिकारी डा.मोनिका गोयल ने बताया कि पचास से अधिक भेड़ों की जहरीली घास के खाने से मौत हो गयी है और 25 से अधिक अभी घायल अवस्था मेे है, जिनका उपचार किया जा रहा है और घास खाने के 20 घण्टे के भीतर जहरीले घास का पता चलता है और पोस्ट मार्टम किया गया और उक्त प्रकरण में सैम्पलिंग करके ऋषिकेश लैब में भेजी जा रही है जहां से स्पष्ट जानकारी मिल पायेगी।