• Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • वेल्थ
  • हेल्थ
  • मौसम
  • ऑटो
  • टेक
  • मेक मनी
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

नोटों  के बिस्तर पर सोते पकड़ा गया।जेल रहा। बहाली हुई।अब केस वापसी की तैयारी!

in पर्वतजन
0
1
ShareShareShare

Related posts

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ईएनटी सर्जन ने पॉच साल के बच्चे की श्वास नली से निकाली सीटी

March 28, 2023
36

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक सप्ताह का आयोजन

March 28, 2023
19

 

 
प्रमोद कुमार डोभाल 
पर्वतजन के संभ्रांत पाठक वर्ष 2009 का वह वाकिया नहीं भूले होंगे, जब एक लघु सिंचाई विभाग के इंजीनियर अधिशासी अभियंता रविंद्र प्रसाद के बिस्तर के नीचे से सतर्कता विभाग ने 54 लाख रुपये बरामद किए थे। इस इंजीनियर को सतर्कता विभाग ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। उसके बाद इस प्रकरण को सभी भूल गए।
 असली खेल फिर शुरू हुआ। इस अभियंता का कोर्ट में केस कमजोर कर दिया गया। चार्जशीट समय पर दाखिल नहीं हो पाई और इसे बहाल कर दिया गया। वर्तमान में यह इंजीनियर देहरादून में शान से नौकरी कर रहा है। और अब इसके केस वापसी की तैयारी है। आइए इस पर विस्तार से एक नजर डालते हैं।
 लघु सिंचाई खंड चमोली में कार्यरत रहने के दौरान उत्तराखंड शासन के सतर्कता विभाग द्वारा जारी निर्देश के बाद 19 जून 2008 को रविंद्र प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
 12 फरवरी 2009 को तलाशी वारंट जारी कराया गया। 17 फरवरी को रविंद्र प्रसाद के घर की तलाशी ली गई। इस दौरान उसके पास से 5470000 नगद, ढाई लाख से अधिक के जेवरात मिले थे। 18 फरवरी को रविंद्र प्रसाद को गिरफ्तार किया गया और 24 फरवरी को इसे सस्पेंड कर दिया गया था।
 आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक मुकदमा उच्च न्यायालय में चल रहा है। तथा एक मुकदमा विशेष जज भ्रष्टाचार निवारण देहरादून के न्यायालय में विचाराधीन है। अब यह दबाव बनाया जा रहा है कि यह अभियोजन वापस ले लिया जाए।
अपर सचिव न्याय महेश चंद्र कौशिवा ने केस वापसी की सलाह देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने लिखा है कि उक्त मामलों का निस्तारण होने के बाद ही परामर्श दिया जाना उचित होगा। गौरतलब है कि इस इंजीनियर की पूरी सेवाकाल के दौरान वेतन-भत्तों से कुल आय 22,42,744 थी। जबकि वह 98 लाख 89400रुपये ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के दोषी पाए गए।
 इसके अलावा उनके आवास पर बिस्तर के नीचे छुपाकर रखे हुए 5470000 रूपय मिले थे। इसके अलावा उनके पास पत्नी के नाम पर किच्छा में पेट्रोल पंप। आधा एकड़ जमीन के साथ ही, आधा बीघा भूमि विजय पार्क एक्सटेंशन में बना भवन, तथा जीएमएस रोड पर दो प्लॉट भी पाए गए थे।
 4 मार्च 2011 को निलंबन का पुनरीक्षण करने के लिए बनाई गई समिति ने भी रविंद्र प्रसाद का सेवा में पुनर्स्थापन किया जाना ठुकरा दिया था।
 इस समिति में तत्कालीन लघु सिंचाई के मुख्य अभियंता मोहम्मद उमर संयुक्त सचिव न्याय धर्मेंद्र अधिकारी तत्कालीन अपर सचिव कृषि तथा विशेष आमंत्रित सदस्य सुरेंद्र सिंह रावत और लघु सिंचाई सचिव ओमप्रकाश शामिल थे।
 तमाशा देखिए कि इस भ्रष्ट अभियंता को बहाल करने के लिए तमाम भाजपा के तत्कालीन बड़े नेता एकजुट हो गए थे। इसमें खुद सिंचाई मंत्री मातबर सिंह कंडारी से लेकर तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री विजय बर्थवाल, तत्कालीन राजस्व मंत्री दिवाकर भट्ट, विधायक राजकुमार , विकास नगर विधायक कुलदीप कुमार तथा तत्कालीन कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल के साथ ही तत्कालीन प्रताप नगर विधायक विजय सिंह पंवार  भी शामिल थे। इन सभी ने रविंद्र प्रसाद को सेवा में बहाल करने की संस्तुति की थी विभिन्न स्तरों से पड़ रहे दबाव के बाद रविंद्र प्रसाद को शासन ने 16 नवंबर 2012 को बहाल कर दिया। वर्तमान में जीरो टॉलरेंस की सरकार में रविंद्र प्रसाद शान से नौकरी कर रहे हैं। उनके केस में ढीली पैरवी हो रही है और उन्होंने अपना केस वापस कराने के लिए चौतरफा दबाव बनाया हुआ है। देखना यह है कि न्याय विभाग की विपरीत राय के बाद सरकार क्या निर्णय लेती है।
प्रिय पाठकों आपने धैर्यपूर्वक यह रिपोर्ट पढ़ी इसके लिए हम आपका आभार व्यक्त करते हैं। आपका प्रिय पर्वतजन न्यूज पोर्टल आपके समक्ष आने वाले दिनों में इससे भी अधिक हैरतअंगेज खुलासे करेगा। इसमें हम यह बताने का प्रयास करेंगे कि किस तरह सरकार, मंत्री और अफसर अपने चहेते भ्रष्टाचारियों को बचा लेते हैं।
साथ ही हम यह भी खुलासा करेंगे कि निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपए का बजट किस तरह कागजों में ही ठिकाने लगा लिया जाता है तथा भ्रष्ट अभियंता और ठेकेदारों के बीच किस तरह का नापाक गठजोड़ होता है।
आप से अनुरोध है कि जो भी रिपोर्ट आपको बढ़िया लगे उसे जनहित में शेयर और कमेंट जरुर करें। लोकतंत्र में लोकलाज ही सबसे बड़ा हथियार है। इसलिए भ्रष्टाचारियों के कारनामे आप भी प्रचारित-प्रसारित कीजिए। ताकि इन पर कार्यवाही का दबाव बन सके। यदि आपके पास भी इस संबंध में कोई सूचना है अथवा पुख्ता सबूत हैं तो हमसे साझा कीजिए। हम उसे व्यापक मंच पर उठाएंगे। आप हमें मोबाइल नंबर 94120 56112 संपर्क कर सकते हैं। आपका नाम तथा पता गोपनीय रखा जाएगा।
Previous Post

सीएम ने निर्माण निगम के लंबित कार्यों की तय की समय सीमा

Next Post

विद्रोह की तैयारी में भाजपाई!

Next Post

विद्रोह की तैयारी में भाजपाई!

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Recent News

    • बड़ी खबर: खाई में गिरा पोकलैंड वाहन । एक घायल
    • बड़ी खबर : यहां मेडिकल छात्रों से फिर हुई रैगिंग। कॉलेज प्रशासन ने लिया सख्त एक्शन
    • एक्सक्लूसिव खुलासा : अफसर जी-20 में व्यस्त , माफिया खनन में मस्त । सुने ऑडियो, देखें वीडियो

    Category

    • उत्तराखंड
    • पर्वतजन
    • मौसम
    • वेल्थ
    • सरकारी नौकरी
    • हेल्थ
    • Contact
    • Privacy Policy
    • Terms and Conditions

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    No Result
    View All Result
    • Home
    • उत्तराखंड
    • सरकारी नौकरी
    • वेल्थ
    • हेल्थ
    • मौसम
    • ऑटो
    • टेक
    • मेक मनी
    • संपर्क करें

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    error: Content is protected !!