कृष्णा बिष्ट
आखिरकार उत्तराखंड सरकार ने एनएच 74 मुआवजा घोटाले के मामले में निलंबित चल रहे आईएस पंकज कुमार पांडे को बहाल कर ही दिया।
पिछले 6 माह से निलंबित चल रहे पंकज कुमार पांडे ने सरकार से खुद को बहाल किए जाने का अनुरोध किया था।
इसके लिए पंकज कुमार पांडे ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात करके खुद को बहाल करने का अनुरोध किया था। क्योंकि उनके मामले में डीओपीटी से लेकर उत्तराखंड सरकार ने भी पांडे को असहज करने वाला कदम नहीं उठाया था।
पर्वतजन के सूत्रों के अनुसार जांच अधिकारियों ने इस बात पर फोकस रखा कि पंकज कुमार पांडे ने एन एच 74 मामले में जो भी निर्णय लिए वे मजिस्ट्रेट पावर के अंतर्गत कितने वैध थे !
पंकज कुमार पांडे जांच अधिकारियों को यह समझाने में सफल रहे कि उन्हें अपील में सुनवाई करके इस तरह के फैसले लेने का अधिकार था तथा इन सभी फैसलों को उत्तराखंड शासन की स्वीकृति के पश्चात ही लिया गया था।
गौरतलब है कि इस मामले में पंकज कुमार पांडे के साथ ही निलंबित किए गए चंद्रेश यादव पहले ही बहाल किए जा चुके हैं।
6 माह गुजर जाने के बाद भी इस मामले में सरकार और शासन के स्तर पर पंकज कुमार पांडे के खिलाफ गंभीर साक्ष्य नहीं मिले है।
पिछले साल नवंबर में सरकार ने चंद्रेश यादव को तो बहाल कर दिया किंतु पंकज कुमार पांडे का निलंबन जारी रखा था।
एन एच 74 घोटाले मामले में 8 पीसीएस अधिकारी और दो आईएस निलंबित किए गए थे, जिनमें से एक आईएएस और 2 पीसीएस अधिकारी बहाल हो चुके हैं।
भाजपा सरकार ने सत्ता संभालते ही nh-74 मुआवजा घोटाले की जांच शुरू कर दी थी और इस घोटाले को भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस के रूप में काफी प्रचारित प्रसारित किया था, किंतु शासन स्तर पर जांच अधिकारी और केंद्र सरकार इस मामले को इतना लंबा समय गुजर जाने के बाद भी किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा सके, लिहाजा सरकार को पंकज कुमार पांडे को बहाल करना ही पड़ा।
इस मामले में अभी 3 पीसीएस अधिकारी निलंबित ही चल रहे हैं जिनमें से एक सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।
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