• Home
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • ट्रेंडिंग
  • अपराध
  • सियासत
  • नौकरी
  • बिजनेस
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result

Home खुलासा

भ्रष्ट अभियंता पार्ट 5:भ्रष्टाचार पर गुमराह मुख्यमंत्री

in खुलासा
0
1
ShareShareShare

Related posts

एक्सक्लूसिव : पहाड़ों में होटलों में बोरिंग से पानी की सप्लाई। ग्रामीण बूँद बूँद के लिए तरस रहें

June 20, 2022
875

एक्सक्लूसिव खुलासा : पर्यटन नगरी लैंसडौन में भू-माफिया व होटल कारोबारी कर रहें सरकारी भूमि पर जमकर कब्जा

June 18, 2022
1

 भ्रष्ट ठेकेदार के पक्ष में लामबंद होकर मुख्यमंत्री को भी गुमराह कर रहे उनकी पार्टी के मंत्री- विधायक 
जीरो टॉलरेंस को करारा झटका 
भ्रष्ट अभियंता सीरीज की इस कड़ी में हम आपको बताएंगे एक भ्रष्ट ठेकेदार को बचाने के लिए किस तरह मुख्यमंत्री को भी गुमराह किया जा रहा है। और शासन पर दबाव बनाने के लिए मंत्री से लेकर विधायक तक पैरवी में जुटे हैं।
 भ्रष्ट अभियंता पार्ट 3 में हमने आपको बताया था कि किस तरह उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक के रहने वाले जनक सिंह रावत नाम के ठेकेदार ने फर्जी तरीके से पहले तो ‘ए’ श्रेणी का लाइसेंस बनवाया और फिर अधिशासी अभियंताओं के खुद ही फर्जी सिग्नेचर करके करोड़ों रुपए के काम करने से संबंधित अनुभव प्रमाण पत्र बनाए।
 जब ए श्रेणी का सर्टिफिकेट और करोड़ों के काम करने का अनुबंध वाले प्रमाण पत्र बना लिए तो फिर इन दस्तावेजों के सहारे PWD, सिंचाई, वन, आदि विभागों में करोड़ों के काम हासिल कर लिए।
 घटिया गुणवत्ता के कारण  उत्तरकाशी के तत्काल DM तथा वर्तमान में मुख्यमंत्री के अपर सचिव आशीष कुमार श्रीवास्तव ने ठेकेदार के खिलाफ विभागीय जांच और तकनीकी तकनीकी जांच बैठाई और जांच में दोषी पाए जाने पर 11जून 2017 को ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश देते हुए ठेकेदार की विजिलेंस जांच करने और ठेकेदार से रिकवरी करने के आदेश दिए।
अपने खिलाफ कार्यवाही होते देख इससे पहले ही ठेकेदार जनक सिंह रावत ने जीरो टॉलरेंस की सरकार के पांव पकड़ लिए।
 11 अप्रैल 2017 को ठेकेदार जनक सिंह रावत की पैरवी में यमुनोत्री से भाजपा के विधायक केदार सिंह रावत मुख्यमंत्री दरबार में आ पहुंचे। भ्रष्टाचार के खिलाफ  संकल्प दिलाने वाले सरकार के प्रवक्ता तथा ताकतवर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक भी 2 मई 2017 को ठेकेदार के पक्ष में खड़े हो गए। दोनों मुख्यमंत्री के पास गए और अपने अपने स्तर से भारी दबाव बनाया। मुख्यमंत्री ने अपने सहयोगियों की बात को सही मानते हुए न सिर्फ DM की रिपोर्ट को दरकिनार कर दिया बल्कि ठेकेदार का भुगतान करने तथा ठेकेदार के खिलाफ जांच ना करने की आदेश भी संबंधित विभाग को दे दिए। पहले तो उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही ना करने के लिए सचिव pwd को आदेश दिए।  कार्यवाही ना होती देख मुख्यमंत्री ने फिर से 13 जुलाई 2017 को अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को ठेकेदार जनक सिंह रावत के खिलाफ कार्यवाही ना करने के लिए निर्देश दिए। अब ठेकेदार की बल्ले-बल्ले है।
देखिये दस्तावेजों के आईने से
 एक तरफ शासन में यह कार्यवाही हो रही थी तो दूसरी तरफ ठेकेदार ने हिमाचल में काम करने का एक और फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र बनाकर पीएमजीएसवाई विभाग से ठेका हासिल कर लिया। श्रीनगर में यह ठेका जनक सिंह को तो मिल गया, लेकिन सत्यापन के दौरान प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर 4 दिन पहले ही जनक सिंह को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। 
अब आप जीरो टॉलरेंस की सरकार का कमाल देखिए एक तरफ सरकार के मंत्री, विधायक ठेकेदार के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के खिलाफ DM की कार्यवाही को रोकने और फर्जी निर्माण कार्यों का भुगतान करने के लिए दबाव बना रहे हैं तो दूसरी ओर पीएमजीएसवाई में ठेकेदार का फर्जीवाड़ा जारी है। वह पीएमजीएसवाई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राघव लंगर द्वारा 1 साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। ठेकेदार अब फिर पीएमजीएसवाई में भी ब्लैक लिस्टिंग हटवाने के लिए दबाव बनाने की जुगाड़ में लग गया है।
 अब जरा विस्तार से 
ठेकेदार जनक सिंह रावत ने सिर्फ मोरी ब्लॉक में ही सिंचाई विभाग, वन विभाग, जिला योजना, देवी आपदा, राज्य योजना, अनुसूचित जाति उपयोजना तथा pwd आदि विभाग के माध्यम से कागजों पर करोड़ों रुपए का इतना फर्जीवाड़ा किया है कि यदि ये विभाग ठेकेदार को काम न देकर केवल 100 -100 की गड्डियां ही बिछा देते तो वर्तमान से कहीं अधिक टिकाऊ पुश्ते और रास्ते बन जाते।
 14 जून 2017 को इस ठेकेदार के ठेकेदारी लाइसेंस और अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर डीएम ने एक जांच बिठाई थी। यह जांच SDM पुरोला, अधीक्षण अभियंता PWD, उत्तरकाशी और अधिशासी अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग उत्तरकाशी की तीन सदस्यीय जांच टीम ने की थी।
 इसमें इस बात का खुलासा हुआ था कि जनक सिंह रावत ने अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग अस्कोट पिथोरागढ़ के फर्जी हस्ताक्षर करके एक अनुभव प्रमाण पत्र बनाया था, जिसमें उसने अस्कोट के अधिशासी अभियंता के हस्ताक्षर करके दिखाया था कि उसने 14 /11/ 2014 को एक करोड़ 93 लाख रुपये का मार्ग निर्माण किया है और उसका कार्य संतोषजनक पाया गया।
 जब जांच हुई तो अस्कोट के अधिशासी अभियंता ने बताया कि जनक सिंह ने उनके खंड में कोई काम नहीं किया है और ना ही उन्होंने उसे ऐसा कोई अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया है।
 जांच टीम ने पाया कि ठेकेदार ने कूट रचना करके अपना ‘ए’ क्लास का फर्जी लाइसेंस बनाया और फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बना के ठेके हासिल किए। साथ ही उसके कार्यों की गुणवत्ता भी अत्यंत घटिया  दर्जे की थी।  प्रयोगशाला परीक्षण में भी ठेकेदार का काम घटिया दर्जे का पाया गया। जांच रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए उत्तरकाशी के तत्कालीन डीएम डॉक्टर आशीष कुमार श्रीवास्तव ने ठेकेदार के साथ लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की बात कहते हुए  PWD के अधीक्षण अभियंता को ठेकेदार के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के आदेश दिए थे। PWD के अधिकारियों ने ठेकेदार का अनुबंध निरस्त कर जनक सिंह को ब्लैक लिस्ट करते हुए भुगतान रोक दिया।
 जनक सिंह ने उखीमठ जिला चमोली के PWD अधिशासी अभियंता के भी फर्जी हस्ताक्षर करके 8लाख रुपए का एक और अनुभव प्रमाणपत्र बनवाया था । प्रमाण पत्र में गलती से भुगतान 78 करोड़ रुपए दिखा दिया। अनुबंध और भुगतान में इतना अंतर साफ दिख गया और ठेकेदार को काम नहीं मिला।
 1 सप्ताह पहले ही पीएमजीएसवाई डिपार्टमेंट में जनक सिंह को ठेका मिल गया था लेकिन उसके द्वारा बनाया गया हिमाचल का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान फर्जी पाया गया। परिणाम स्वरुप उसे पीएमजीएसवाई के चीफ राघव लंगर ने ब्लैक लिस्ट कर दिया।
एक ही योजना पर 4-4 विभागों से भुगतान
 जनक सिंह रावत ने एक ही योजना के लिए 4-4 विभागों से पैसा स्वीकृत करा रखा है और सारा काम कागजों पर है।
 उदाहरण के तौर पर मोरी के ग्राम फिताड़ी में सिंचाई खंड से जनक सिंह ने पांच कार्य करवाए। वर्ष वर्ष 2015 -16 में इन कार्यों के लिए 110लाख रुपए ले लिए। लेकिन एक भी काम धरातल पर नहीं है। इसी तरह से इंटर कॉलेज मोरी में बाढ सुरक्षा कार्य तो जयाड़ा कंपनी ने करवाया किंतु उसी काम को ठेकेदार जनक सिंह रावत ने अपने द्वारा किया दिखाकर बिना काम के ही 998001 का भुगतान ले लिया।
 यही नहीं जनक सिंह रावत ने मोरी की सिंचाई नहरों में भी जमकर गोलमाल किया। उदाहरण के तौर पर सिंचाई खंड द्वारा एक ही नहर को एक ही साल में एक बार जिला योजना से तो एक बार दैवीय आपदा से भुगतान करा लिया। जल संस्थान से पाशा- पोखरी नहर मे तो जनक सिंह रावत ने वर्ष 2011 से लेकर 14 तक 5 योजनाओं से भुगतान हासिल किया। जिसमें एन आर पी डब्लू डी पी, जिला योजना, देवी आपदा और वर्ल्ड बैंक शामिल थी। यह योजनाएं सिर्फ कोटेशन के आधार पर हासिल की गई। टौंस वन प्रभाग के अंतर्गत 7 किलोमीटर के एक लुदराला- पासा पैदल मार्ग की मरम्मत में जनक सिंह रावत ने आधा दर्जन बार आगे पीछे नपाकर लाखों रुपए का भुगतान प्राप्त किया। लुदराला- पैंसर से लेकर बांडी- कुणाला से मियां गार्ड तक 7 किलोमीटर के इस मार्ग में पहले ठेकेदार ने लुदराला से पैंसर का पैसा लिया फिर पैंसर से पाशा की सड़क नपवा दी। फिर उल्टा पाशा से पैंसर नपवा दिया। फिर पैंसर से बांडी नपवा दिया और एक बार पैंसर से कुनारा नाप दिया। तथा फिर पासा से मियां गाड़ तक नाप दिया। इस तरह से ठेकेदार जनक सिंह ने इस सड़क का पीडब्लूडी, वन विभाग, ब्लॉक, जिला योजना आदि की मद से कई बार भुगतान हासिल कर लिया।
एक और उदाहरण देखिए कि वर्ष 2015 में ग्राम पासा के साड़ी खड्ड पर 14 मीटर के एक पुलिया निर्माण पर पहले ब्लॉक से 16लाख का काम कराया और फिर उसी पुलिया को pwd विभाग से 34.75 लाख में मार्च 2016 में नपवा दिया।
 इसी तरह से वाणिका तथा कामरा खड्ड पर एक बार दैवीय आपदा से 15 लाख में काम किया फिर उसी काम को PWD से 38लाख रुपए में किया हुआ बता कर भुगतान ले लिया।
 इस तरह से फर्जी लाइसेंस बनाने वाले, फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनाने वाले और एक ही योजना के लिए कई विभागों से भुगतान कराने वाले भ्रष्ट ठेकेदार सिर्फ अपने दम पर ही नहीं फल-फूल सकता।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप भट्ट  तंज कसते हैं कि जीरो टोलरेंस की सरकार के माननीय विधायक भ्रष्ट कर्मचारियों की पैरोकारी कर रहे हैं जिससे भष्ट्राचारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
इसमें निम्न स्तर से लेकर सर्वोच्च स्तर तक की मिलीभगत साफ साफ दिखती है ।और तब तो यह गठजोड़ तब और भी बेनकाब हो जाता है जब इस ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए DM द्वारा दिए गए निर्देशों को रुकवाने के लिए केदार सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक CM को भी गुमराह कर देते हैं और मुख्यमंत्री उनकी बातों में आकर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश से लेकर PWD सचिव और लोक निर्माण विभाग को ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही न करने तथा उसका रुका हुआ भुगतान जारी करने के निर्देश दे देते हैं। इस उदाहरण से साफ हो जाता है कि यदि  सहयोगी ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे तो जीरो टॉलरेंस के खिलाफ मुख्यमंत्री की मुहिम को पलीता लगना तय है।
प्रिय पाठकों! यदि आपके पास भी इस तरह के भ्रष्टाचार के कोई उदाहरण हैं तो भ्रष्ट गठजोड़ को बेनकाब करने के लिए अपने प्रिय पर्वतजन का सदुपयोग कर सकते हैं। आप हमें अपनी सूचना मोबाइल नंबर 94120 56112 पर दे सकते हैं। आपकी गोपनीयता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

Previous Post

निम के कर्नल कोठियाल के खिलाफ छेड़खानी की   शिकायत दर्जः विरोधी सक्रिय 

Next Post

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हंगामा।पंहुची पुलिस

Next Post

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हंगामा।पंहुची पुलिस

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RECOMMENDED NEWS

शर्मनाक: 6 वर्षीय मासूम से गैंगरेप

7 days ago
2

बड़ी खबर : अब घर बैठे ही करा सकेंगे एफआईआर। पढ़िए पूरी खबर

4 days ago
1

ब्रेकिंग : रुद्रप्रयाग ज़िला पंचायत अध्यक्ष ने पद से दिया इस्तीफा

11 hours ago
4

सराहनीय: महिला पुलिसकर्मी ने बचाई खाई में गिरे युवक की जान

6 days ago
1

BROWSE BY CATEGORIES

  • अपनी बात
  • अपराध
  • एक्सक्लूसिव
  • खुलासा
  • खेल
  • ट्रेंडिंग
  • नौकरी
  • पर्यटन
  • पर्वतजन
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • सियासत
  • हेल्थ

POPULAR NEWS

  • ब्रेकिंग : रुद्रप्रयाग ज़िला पंचायत अध्यक्ष ने पद से दिया इस्तीफा

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बड़ी खबर : जेल में रहते ही रिटायर हुए निलंबित हुए आईएएस। पढ़िए पूरी खबर

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • IDBI Job vacancy 2022 : आईडीबीआई बैंक में निकली बंपर पदों पर भर्तियां। जल्द करें आवेदन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ब्रेकिंग : रुड़की मेयर भाजपा से 6 साल के लिए निष्कासित

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ख़बर का असर : हरकत में आया वन महकमा। अवैध पेड़ कटान का लिया संज्ञान

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

    पर्वतजन

    पर्वतजन न्यूज़ पोर्टल उत्तराखंड की ऐसी खबरों का न्यूज़ पोर्टल है, जिन खबरों को शेष मीडिया प्रकाशित करने की हिम्मत नहीं करता | यदि आपके पास कोई ऐसी खबर है, जिसे कोई दूसरा मीडिया नहीं दिखाता तो आप पर्वतजन से संपर्क कीजिए|

    Recent News

    • ब्रेकिंग : रुड़की मेयर भाजपा से 6 साल के लिए निष्कासित
    • ब्रेकिंग : रुद्रप्रयाग ज़िला पंचायत अध्यक्ष ने पद से दिया इस्तीफा
    • दरबार साहिब के श्री महंत देवेंद्र दास ने संत समाज को बताया संस्कृति का संदेशवाहक

    Category

    • अपनी बात
    • अपराध
    • एक्सक्लूसिव
    • खुलासा
    • खेल
    • ट्रेंडिंग
    • नौकरी
    • पर्यटन
    • पर्वतजन
    • बिजनेस
    • मनोरंजन
    • साक्षात्कार
    • सियासत
    • हेल्थ

    Recent News

    ब्रेकिंग : रुड़की मेयर भाजपा से 6 साल के लिए निष्कासित

    July 1, 2022

    ब्रेकिंग : रुद्रप्रयाग ज़िला पंचायत अध्यक्ष ने पद से दिया इस्तीफा

    July 1, 2022
    • Contact
    • Privacy Policy

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    No Result
    View All Result
    • Home
    • एक्सक्लूसिव
    • खुलासा
    • ट्रेंडिंग
    • अपराध
    • पर्वतजन
    • संपर्क करें

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    error: Content is protected !!