• Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • वेल्थ
  • हेल्थ
  • मौसम
  • ऑटो
  • टेक
  • मेक मनी
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

मेडिकल छात्रों की मुन्नाभाई वाली गांधीगीरी

in पर्वतजन
0
1
ShareShareShare

Related posts

गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले एसजीआरआर विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स श्री दरबार साहिब में सम्मानित

March 29, 2023
17

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ईएनटी सर्जन ने पॉच साल के बच्चे की श्वास नली से निकाली सीटी

March 28, 2023
42
ऋषिकुल गुरुकुल मेडिकल कॉलेज में स्टाइपेंड को लेकर
 पी जी  छात्रो का संघर्ष जारी।
आज धरना प्रदर्शन का दूसरा दिन। फूल और बुके देकर जताया जायेगा अत्याचार के खिलाफ विरोध।
 क्या है ताजा विवाद
ताजा विवाद एमडी एमएस के छात्र छात्राओं के स्टाइफण्ड से जुड़ा है।विश्विद्यालय ने वर्ष 2016 में एमडी एमएस की सीटों को दो प्रकार की सीटों से भरने की तैयारी की थी।
 विश्विद्यालय में राज्य कोटे की सीटों पर फीस तीन किश्तों में ली जाती है जो पचास हजार ट्यूशन फीस,पांच हजार एडमिंशन तथा दस हजार कौशन मनी के रूप में कुल पहली किश्त पैंशठ हजार ,दूसरी  और तीसरी किश्त में पचास हजार यानि एक छात्र को तीन वर्षों में राज्य कोटे की सीट पर एमडी एमएस करने के लिए कुल 1 लाख पैंशठ हजार खर्च करने होते हैं जबकि दूसरे राज्य के छात्र छात्राओं को सेल्फ फाइनांस के नाम पर पहली किश्त में ट्यूशन फीस 1 लाख,एडमिंशन फीस पांच हजार कौशन फीस  दस हजार कुल पहले साल में एक लाख पंद्रह हजार,दूसरे और तीसरे साल में पचहत्तर हजार यानि कुल फीस 2 लाख पैंसठ हजार जमा करने होते हैं।
 मामला ये है कि विवरणिका में कहीं उंल्लेख नही था कि दोनों कोटे के छात्रों को एडमिंशन के उपरांत स्टाइपेंड दिया जाएगा या नही
 लेकिन अब 10 माह बीत जाने के बाद अन्य राज्य के कोटे से एमडी एमएस करने आये छात्र छात्राओं को स्टाइफण्ड नही दिया जा रहा है जबकि उनके ही सहपाठी राज्य के छात्र छात्राओं को स्टाइफेंड का भुगतान किया जा रहा है।
 छात्र छात्राओं  का यह कहना है कि प्रवेश के समय उन्हें यह कहा गया कि आप चाहे राज्य के छात्र हों या राज्य के बाहर के कोटे से आये छात्र आप दोनों को सरकार समान रूप से स्टाइफेंड देगी।क्योंकि यदि नही देना होता तो विवरणिका में यह उल्लिखित होता।
 अब यही छात्र अपने समकक्ष राज्य कोटे के छात्रों के समान स्टाइफण्ड की मांग कर रहे हैं
 छात्रों का कहना है कि भारतीय राजपत्र के part ३ artical no १४/१५(१) के अनुसार कोई राज्य जन्म स्थान के अनुसार भेदभाव नही कर सकता है। तो ये अन्य राज्य कोटा को किस तरह से स्वपितपोषित कोटे में डाल।दिया गया है।
२. विवरणिका में सभी एमडी एमएस स्कालर्स  को स्टाइपंड दिये जाने का प्राविधान था। परन्तु यूनिवर्सिटी के द्वारा उनका उल्लंघन क्यों  किया जा रहा है कालेज को मान्यता देनेवाली संस्था् CCIM का रूल है की सभी P.G शोधार्थियों को स्टाइपंड मिलेगा ये अनिवार्य है।
३. सेल्फ़ फ़ाइनैन्स कोर्स होते है या सेल्फ़ फ़ाइनैन्स कॉलेज होते परन्तु एक ही विभाग के सीटों को दो तरह के फ़ी स्ट्रक्चर एवम् स्टाइपंड देकर अलग अलग नही किया जा सकता। सीसीआईएम और यूजीसी  के लिए सेल्फ़ फ़ाइनैन्स सीट शब्द का कोई मतलब नही है । इसे मैनज्मेंट कोटा सीट्स कहा जा सकता है लेकिन मैनज्मेंट कोटा सीट्स गवर्न्मेंट कॉलेज मैं केसे हो सकते हैं?
Previous Post

जिलों मे जान फूंक रहे ये जिलाधिकारी

Next Post

ताक़तवर आई.ए.एस(IAS)डॉ.उमाकांत पंवार के इस्तीफे का सच..!

Next Post

ताक़तवर आई.ए.एस(IAS)डॉ.उमाकांत पंवार के इस्तीफे का सच..!

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Recent News

    • जॉब अपडेट : Oil India Ltd. कंपनी में निकली बंपर भर्ती, पढ़े जानकारी,करें आवेदन
    • एक्सक्लूसिव : फर्जी हाई स्कूल प्रमाणपत्र से बना प्रधान हुआ निलंबित । डीएम ने बिठाई जांच
    • हाईकोर्ट न्यूज : खनन में हजारों करोड़ के घोटाले मामले में सरकार और सी.बी.आई.निदेशक से मांगा जवाब।

    Category

    • उत्तराखंड
    • पर्वतजन
    • मौसम
    • वेल्थ
    • सरकारी नौकरी
    • हेल्थ
    • Contact
    • Privacy Policy
    • Terms and Conditions

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    No Result
    View All Result
    • Home
    • उत्तराखंड
    • सरकारी नौकरी
    • वेल्थ
    • हेल्थ
    • मौसम
    • ऑटो
    • टेक
    • मेक मनी
    • संपर्क करें

    © Parvatjan All rights reserved. Developed by Ashwani Rajput

    error: Content is protected !!