पुरोला। ग्राम पंचायत करड़ा के शिकारू गावँ के लोग 12 सालों से मोटरमार्ग के लिए तरस रहे हैं। शासन प्रशासन द्वारा उनकी जायज मांग पर ध्यान न देने से परेशान होकर ग्रामीणों ने ढोल के साथ मुख्य बाजार में जुलुस निकालकर मुख्य तिराहे पर सांकेतिक जाम लगाया तथा जुलूस लेकर तहसील मुख्यालय पहुँच कर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन दिया।
पुरोला विकासखंड के शिकारू गाँव के लोग पिछले कई वर्षों से मोटर मार्ग की माँग कर रहे हैं, लेकिन 2006 से स्वीकृत मोटरमार्ग का निर्माण कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है। शिकारू गाँव पुरोला से लगभग 13 कि0मी0 की दूरी पर है, करड़ा गाँव से लगभग 4 कि0मी0 की दूरी पर बसा है, जबकि पुरोला से करड़ा तक मोटरमार्ग बना हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार रोड का सर्वे किया गया है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया। गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्तियों को करड़ा तक पहुंचाने के लिए बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वहीँ ग्रामीणों की नगदी फसलें सेब, आलू, मटर एवम टमाटर कई दिन तक खेतों में ही रहने के कारण बर्बाद हो जाते हैं।
गौरतलब है कि मोटर मार्ग निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करवाने के लिए ग्रामीणों ने कल शुक्रवार को तहसील में धरने पर बैठने का निर्णय लिया था। पूर्व तैय कार्य क्रम के मुताबिक़ आज ग्रामीणों ने मुख्य बाजार में जुलुस निकलकर तिराहा पर सांकेतिक धरना दिया तथा जुलूस निकालते हुए तहसील पर प्रदर्शन किया तथा उपजिला अधिकारी को ज्ञापन दिया। उपजिलाअधिकारी ने पूर्ण सिंह राणा ने लोनिवि के अधिकारियों को तहसील में तलब कर सड़क मार्ग की स्थिति की जानकारी ली तथा मार्ग को शीघ्र निर्माण के लिए दो सप्ताह के अन्दर सभी कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश दिये।
उप जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने अपना आन्दोलन समाप्त किया।
अधिशासी अभियन्ता धीरेन्द्र कुमार का कहना है कि मार्ग में सर्वे को लेकर विवाद के चलते निर्माण में देरी हुई है। मार्ग का अलाइनमेंट बदल कर विवाद समाप्त हो गया है।एक सप्ताह के भीतर सड़क मार्ग का प्रस्ताव आन-लाइन समिट कर दिया जायेगा। एक माह के भीतर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाये।
विभागीय अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक शिकारू मोटर की स्वीकृति 2008 में 29, 50 लाख 1,5 किमी तथा वर्ष 2013 में 31 लाख 4 किमी की स्वीकृति मिली है। जिसमें आरक्षित वन भूमि 2,7हेक्टेयर सिविल 1,75 तथा नाप भूमि, 045 हेक्टेयर शामिल है।