उत्तराखंड के सत्ता से चिपके रहने वाले पत्रकारों की एक बड़ी जमात त्रिवेंद्र रावत के मुख्यमंत्री बनने से बहुत दुखी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और हरीश रावत द्वारा आवश्यकता से अधिक तवज्जो देने के बाद इन पत्रकारों को कई बार लोगों ने सार्वजनिक स्थानों पर कहते सुना कि मुख्यमंत्री ने फलां काम मेरी सलाह से किया।
चूंकि नए मुख्यमंत्री का मिजाज न तो चापलूसी वाला है और न ही छपास वाला, ऐसे में चाहकर भी ऐसे पत्रकार मुख्यमंत्री दरबार में नहीं जा पा रहे हैं। मुख्यमंत्री की पहली दूसरी प्रेस कांफ्रेंस को नीरस बताने वाले ऐसे चंडूखाने के पत्रकार कभी उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ की चर्चा कर रहे हैं तो कभी पंजाब के कैप्टन की। कुछ पत्रकार इन चंडूखाने वालों को चिकोटी काट रहे हैं कि तुम कुछ भी कर लो, ये ट्वेंटी-ट्वेंटी और वनडे वाला खिलाड़ी नहीं, इसे तो पांच साल तक टेस्ट मैच खेलना है।