वनाग्नि से गांवों का रुख कर रहे गुलदार व अन्य जानवर
जगदम्बा कोठारी
रूद्रप्रयाग। जनपद के जंगलों मे लगी आगजनी के चलते वन्य जीव बचाव के लिए रिहायशी बस्तियों का रुख कर रहे हैं। जिस कारण गांवों मे रह रहे ग्रामिण शाम ढलते ही घरों मे दुबकने को मजबूर हैं। जंगलों मे लगी आग के कारण एक गुलदार को 24 घन्टे से भी अधिक समय तक एक घर मे कैद रहना पड़ गया। बाद मे वन विभाग के अधिकारियों ने रेस्क्यू कर गुलदार को पिंजरे मे कैद किया।
मामला वन विभाग रूद्रप्रयाग की दक्षिणी जखोली रेंज का है। इन दिनों इस रेंज अंतर्गत भरदार पट्टी के जंगलों मे भीषण आग लगी है। मंगलवार रात्री आठ बजे करीब आग से बचते हुए एक गुलदार दरमोला गांव घुस आया और वहां उसने गांव मे घूम रहे एक आवारा कुत्ते के पिल्ले का शिकार किया। आग से घबराया गुलदार ने पिल्ले को मुंह मे दबाकर उसे खाने के लिए सुरक्षित स्थान खोजने लगा। इसी दौरान गांव मे एक घर का दरवाजा खुला देखकर गुलदार मकान के एक कमरे मे घुस गया। इत्तेफाख से भवन स्वामी नत्थी सिंह पंवार ने गुलदार को कमरे मे घुसते देख लिया और उन्होने हिम्मत दिखाते हुए बाहर से दरवाजा बंद कर कुन्डी लगा दी। गनीमत रही कि उस समय कमरे मे परिवार का कोई सदस्य नहीं था।जिसके बाद नत्थीसिंह ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। कल सुबह तड़के वन विभाग की टीम पिंजरा लेकर गांव पहुंची और लगभग 16 घंटे की कड़ी मशक्त के बाद कल रात्री 11 बजे करीब गुलदार को पिंजरे मे कैद किया गया। इस दौरान 26 घन्टे तक कमरे मे कैद गुलदार की सांसे थमी रही। वनक्षेत्राधिकारी राजेन्द्र नौटियाल ने बताया कि जंगलों मे लगी आग से घबराया गुलदार शिकार लेकर घर मे घुस गया था जिसे सुरक्षित पकड़ लिया गया है। यह गुलदार ढाई वर्ष का स्वस्थ नर है जिसे उपचार के बाद सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाएगा। फिलहाल आज गुलदार को डिवजन कार्यालय ले जाया जा रहा है।