गंगोत्री गोमुख सहित उच्च हिमालई क्षेत्रों में साधना रत साधुओं को मिलेगा कानूनी अधिकार। गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत का बयान।
गिरीश गैरोला।
गंगोत्री गोमुख सहित उच्च हिमालई क्षेत्रों में वर्षों से गुफाओं और कंदराओं में निवास कर 12 महीने यहां तप और साधना कर रहे साधुओं को गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने कानूनी अधिकार देने का भरोसा जताया है। उन्होंने कहा इस संबंध में केंद्रीय मंत्री उमा भारती से उनकी वार्ता हो चुकी है और उन्हें पूरा भरोसा मिला है कि ऐसे साधु को उनका अधिकार दिया जाएगा।
गौरतलब है हिमालय क्षेत्र गंगोत्री धाम से जुड़े हुए साधु समाज ने अपनी शिकायत भारत सरकार को लिख भेजी थी । जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि गंगोत्री नेशनल पार्क और गंगोत्री रेंज वन विभाग के अंतर्गत निवास कर रहे साधनारत साधु महात्माओं को उनकी कुटिया से जबरन बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। इसका खुलासा अपने उत्तरकाशी भ्रमण के दौरान केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी अपने भाषण में किया था ।
पर्वतजन ने इस बात को प्रमुखता से उठाया था । केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार से इसकी पूरी जानकारी तलब की। जिसके बाद वन विभाग ने गंगोत्री नेशनल पार्क में 33 साधुओ की कुटिया को चिन्हित किया था। जबकि वन विभाग की गंगोत्री रेंज में 54 साधुओं की साधुओं के निवास को चिन्हित किया था। चार धाम यात्रा तैयारी बैठक को लेकर जिला प्रशासन के लाव लश्कर के साथ गंगोत्री पहुंचे विधायक गोपाल सिंह रावत ने पर्वतजन को बताया कि हिमालय क्षेत्र की कंदराओं और गुफाओं में तप – साधना कर रहे साधुओं को नियम कानून की आड़ में तंग नहीं किया जाएगा ।
उन्होंने कहा कि अवैध कब्जा धारकों और व्यवसाय करने वालों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी । जबकि वर्षो से गुफाओं में साधना करने वाले साधुओं को संरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा यह क्षेत्र पौराणिक समय से ही साधना क्षेत्र कहा जाता रहा है लिहाजा साधना रथ साधुओं को उनके कानूनी अधिकार दिए जाएंगे ।
गौरतलब है कि गंगोत्री धाम में चार धाम यात्रा में आने वाले देसी- विदेशी पर्यटकों की तादाद को देखते हुए यहां कई होटल नुमा आश्रम भी अपना व्यवसाय चला रहे हैं , जबकि वन विभाग के कनखू बैरियर से आगे गोमुख तक कई ऐसे साधु हैं जो 12 महीने भारी बर्फबारी के बाद भी इन्हीं गुफाओं में साधना में लगे रहते हैं।