सुबह-सुबह मुख्यमंत्री के साथ बैडमिंटन खेलने वाले बैडमिंटन फ्रेंड तथा अभिनंदन होटल के मालिक संजय गुप्ता का स्टिंग समाचार प्लस के कैमरे में कैद है। इसके अलावा एक और ब्यूरोक्रेट का भी 20 परसेंट कमिशन मांगते हुए स्टिंग हुआ है। यही स्टिंग हासिल करने के लिए सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है।
समाचार प्लस ने कोर्ट को भी बताया कि अभिनंदन होटल ग्रुप के मालिक और मुख्यमंत्री के दोस्त संजय गुप्ता का स्टिंग किया गया था। संजय गुप्ता का होटल प्रिंस चौक पर है। यही संजय गुप्ता समाचार प्लस के पत्रकारों को मुख्यमंत्री के निवास पर ले गया था।
यह बात 5 मई 2018 की है। लगभग साढे 11:00 बजे संजय गुप्ता उन्हें मुख्यमंत्री के आवास पर ले गया और उन्हें ओएसडी से ही नहीं मिलाया बल्कि मुख्यमंत्री से भी मिलाने के लिए ले गया।
यह लोग लगभग 11:30 से 1:45 बजे तक वहीं रहे। यह सबूत समाचार प्लस के कैमरे में कैद है कि संजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए ₹10लाख की डिमांड की और संजय ने ₹5 लाख रुपए प्राप्त किए। स्टिंग की यह बात जैसे ही कोर्ट में रखी गई तब से संजय गुप्ता ने अपना फेसबुक एकाउंट भी डीएक्टिवेट कर दिया है। और सोशल मीडिया से गायब हो गया है।
यह वही संजय गुप्ता है, जिसने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की नई नई सरकार बनने के दौरान कैबिनेट बैठक का एजेंडा बैठक से पहले ही लीक कर दिया था और सरकार की आबकारी नीति पहले ही लीक हो गई थी।
मुख्यमंत्री को इतनी बात तो सोचना चाहिए कि दोस्तों के साथ बैडमिंटन खेलना और सत्ता के समीकरण साझा करना दो अलग-अलग बातें हैं। अन्यथा उन्हें ऐसे और भी सबक के लिए तैयार रहना चाहिए।
5 मई 2018 की ही रात को ही संजय ने ₹2लाख और लिए। समाचार प्लस के उमेश कुमार ने बताया कि जो एफ आई आर दर्ज हुई है, वह अपर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के भी संज्ञान थी।
कहीं न कही समाचार प्लस के सीईओ को अरेस्ट किया गया ताकि उससे यह सब सबूत हासिल करके उन्हें नष्ट किया जा सके।
यही नहीं समाचार प्लस का यह भी दावा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के डिफेंस कालोनी निवास में आशीष नेगी नाम के व्यक्ति का भी स्टिंग हुआ है, जिसने समाचार प्लस के पत्रकारों को मुख्यमंत्री के भतीजे से डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर मिलाया था। यही सब बातें और तथ्य हैं जो समाचार प्लस के पत्रकारों ने कोर्ट को बताया और यही उनकी अरेस्टिंग स्टे का आधार भी बनी।
अहम सवाल यह है कि जीरो टोलरेंस का संकल्प लेकर प्रचंड बहुमत की सरकार में भी फूंक फूंक कर कदम रखने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ बैडमिंटन खेलने वाले से लेकर तमाम चंगू मंगू को यह लगता है कि अब तो उनकी सरकार आ गई है और अब किसी भी तरह से धन कमाया जाए !!
जाहिर है कि इन लोगों के स्टिंग से सरकार की और मुखिया की भी छवि पर आंच आई है।
यही कारण है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इतने मुखर हो गए हैं कि वह किसी तरह से उमेश कुमार को सबक सिखाना चाहते हैं।
उमेश कुमार बनाम सरकार हो चुकी लड़ाई का अंजाम तो खैर जो भी हो लेकिन इतना जरूर है कि यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत वाकई जीरो टोलरेंस के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें अपने आसपास से ऐसे संजय गुप्ताओं और भाई भतीजों से थोड़ा फासला बरतना होगा।
कहीं ऐसा ना हो कि उनके जीरो टोलरेंस के दामन पर कोई और बड़ा दाग लग जाए !