खोदा पहाड़ निकली चुहिया भी नहीं। समाचार प्लस के उमेश जी कुमार का 7 घंटे का पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर पुलिस आज सुबह से उमेश कुमार को लेकर उमेश को लेकर उसके ठिकानों की खाक छानती रही। लेकिन सफर की गर्द के अलावा पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा।
7 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली ही रहे और अब दोबारा उमेश कुमार की पुलिस कस्टडी रिमांड लेना पुलिस के लिए लगभग नामुमकिन सा लग रहा है।
यदि पुलिस के हाथ इस तलाशी के दौरान कुछ लग जाता तो संभव था कि पुलिस दोबारा से उमेश कुमार की रिमांड बढ़ाने के लिए अर्जी लगा सकती थी और उसे पुलिस रिमांड मिल भी जाती।
अब पुलिस की नजर उमेश कुमार के एक पुराने मामले पर टिक गई है जो रायपुर थाने में दर्ज है। इस केस की तारीख 3 नवंबर को है। यह मुकदमा उमेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में दर्ज है।
पुलिस की कोशिश रहेगी कि इस मामले में उमेश कुमार की पुलिस कस्टडी रिमांड ले ले। गौरतलब यह है कि इस मुकदमे को वापस लेने के लिए सरकार ने पहले संस्तुति कर दी थी लेकिन तकनीकी खामियों के चलते यह मुकदमा वापस नहीं हो पाया था। अब पुलिस दोबारा से इस मामले को खुलवाने की तैयारी में है।
ऐसे में पुलिस की कोशिश रहेगी कि 3 नवंबर वाले मामले में उमेश कुमार की पुलिस कस्टडी रिमांड लेने के लिए पूरी ताकत लगा दे।
संभव है उस मामले में उमेश कुमार को लगभग 1 हफ्ते की पुलिस रिमांड भी मिल सकती है। किंतु यह मामला सरकार के खिलाफ भी जा सकता है क्योंकि इससे एक ऐसा संदेश जा रहा है कि स्टिंग प्रकरण में खुद की फजीहत से बचने के लिए अब सरकार उमेश कुमार को किसी ना किसी तरह किसी न किसी मामले में फंसाना चाहती है।
यह मैसेज पब्लिक में गया तो फिर इसका माइलेज उमेश कुमार को मिल सकता है और पब्लिक की सहानुभूति उमेश कुमार के पक्ष में जा सकती है, जिससे सरकार की और छीछालेदर होनी तय है।
इसलिए सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती फूंक-फूंक कर कदम रखना है।