हरिद्वार के एडीजे फर्स्ट कुंवर अमरिंदर सिंह को हाईकोर्ट ने सस्पेंड कर दिया है। उन पर धारा 377 आईपीसी के तहत अप्राकृतिक यौन शोषण का मामला जानकारी में आया है।
उन पर आरोप है कि उपनल कर्मी का लंबे समय से अप्राकृतिक यौन शोषण किया जा रहा था। ताजा जानकारी के अनुसार मुख्य प्रशासन अधिकारी जनपद न्यायालय हरिद्वार ने यह पुष्टि की है कि उन्हें सस्पेंड कर दिया है। हालांकि उन्होंने निलंबन का कारण स्पष्ट नहीं किया है। उन पर आरोपों की गंभीरता इस बात से ही छलक जाती है कि उनके न्यायालय के कक्ष से उनके नाम की तख्ती तक हटा दी गई है। कुंवर अमरिंदर सिंह का पारिवारिक जीवन भी काफी खराब रहा है। उनका पहला विवाह असफल रहा तथा उनकी दूसरी शादी देहरादून के एक बड़े प्राइवेट स्कूल संचालक की पुत्री से हुई है।
उत्तराखंड में जजों के खिलाफ यह दूसरा बड़ा मामला प्रकाश में आया है। इससे पहले हरिद्वार की एक महिला सिविल जज दीपाली शर्मा द्वारा भी घरेलू नौकर बना कर रखी गई एक नाबालिग लड़की के साथ निर्ममता से मारपीट का मामला सामने आया था। जिस पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश हुए थे लेकिन वह हाईकोर्ट चली गई और जांच में सहयोग करने की शर्त पर हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
उत्तराखंड में जजों के खिलाफ इस तरह के उजागर हो रहे मामलों के कारण अब तक गरिमापूर्ण समझी जा रही इस व्यवस्था पर भी तमाम तरह के सवाल और चर्चाएं उठने लगी हैं।