कमल जगाती, नैनीताल
केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में महिला प्रवेश को लेकर भाजपा राष्ट्राध्यक्ष अमित साह को न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने इशारों ही इशारों में कड़ा जवाब दे दिया है। सबरीमाला मामले में अमित साह के बयान पर पहले न्यायमूर्ति का पलटवार। उन्होंने इशारों ही इशारों में अमित शाह को जवाब दे दिया है।
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उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने कहा कि कोई जज, हाई कोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट, लक्ष्मण रेखा पार नहीं कर रहे हैं बल्कि वो तो सरकार को सही काम करने की याद दिला रहे हैं।
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आज नैनीताल के भवाली स्थित उजाला अकेडमी में मौजूद अधिवक्ताओं, लॉ छात्र-छात्राओं और अन्य लोगों की उपस्थिति में न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने भाजपा राष्ट्राध्यक्ष पर पलटवार किया है। बच्चों के अधिकार और उनपर होने वाले अत्याचारों का एक रियलिटी चैक करने के मकसद से रखी गई सेमीनार में बोलते हुए उन्होंने कहा की जज, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कोई भी लक्ष्मण रेखा पार नहीं कर रहे हैं, बल्कि वो तो सरकार को ये याद दिला रहे कि उन्हें वो करना चाहिए जिसकी जरुरत है।
अपने अभिभाषण में उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट और उत्तराखंड हाई कोर्ट से कितने ही फैसले दिए जा चुके हैं, जिन्हें सरकार को इम्प्लीमेंट(लागू) करना है, लेकिन वो नहीं कर रही है। उन्होंने कहा की इसके लिए फण्ड की कमी हो सकती है लेकिन फण्ड सही जगह नहीं इस्तेमाल किये जा रहे हैं।
उन्होंने अमित साह के उस बयान का जवाब दिया जिसमें बीते रोज केरल के कुन्नूर में अमित साह ने कहा था की न्यायालय जनहित को ध्यान में रखकर वही फैसले दें जिन्हें इम्प्लीमेंट किया जा सके। केरल के कुन्नूर में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए अमित साह ने अपने दूसरे बयान में कहा था “अदालत के फैसलों के नाम पर परम्पराओं को तोड़ने की कोशिश करने वालों को बता दूँ कि देशभर में कई मन्दिर हैं जो अलग-अलग परम्पराओं से चलते हैं। हिन्दू धर्म ने कभी महिलाओं के साथ अन्याय नहीं किया, बल्कि उनको देवी मानकर पूजा की है।