कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने उधम सिंह नगर पुलिस को जहरीली शराब के कारोबार के खिलाफ जनहित याचिकाकर्ता को सुरक्षा देने को कहा है। याचिकाकर्ता को काशीपुर में जनहित याचिका वापस लेने और नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी।
उच्च न्यायालय ने जहरीली शराब बेचने वालों के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले काशीपुर निवासी याचिकर्ता प्रमोद शर्मा को एस.एस.पी.ऊधम सिंह नगर से तुरंत पुलिस सुरक्षा देने को कहा है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशू धुलिया और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ में हुई। याचिकाकर्ता का कहना था कि कुछ दिन पूर्व हरिद्वार में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गयी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी।
इसके बाद जब वे काशीपुर में अपने घर लौट रहे थे तो कुछ अज्ञात लोगों ने उनसे जनहित याचिका को वापस लेने को कहा और नही वापस लेने पर उनको जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर.दर्ज कराई।
काशीपुर निवासी प्रमोद शर्मा ने उच्च
न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कुछ दिन पहले रुड़की और सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से 42 से अधिक मजदूरो की मौत हो गयी थी परन्तु सरकार ने जहरीली शराब बेचने और बनाने वालो के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है।
जनहित याचिका दायर करने से एक दिन पूर्व राज्य सरकार ने आई.जी.गढ़वाल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एस.आई.टी.टीम गठित की थी । जनहित याचिका दायर करने के बाद इस कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने जिला आबकारी अधिकारी और 13 अन्य लोगों को निलम्बित कर दिया था।
सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने सवाल किया था कि निलम्बित अधिकारी और अन्य का इसमें क्या दोष है ! मामले को सुनने के बाद खण्डपीठ ने अभी तक की कार्यवाही पर आई.जी.गढ़वाल से तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।