उत्तराखण्ड के काम से विश्व बैंक संतुष्ट। मुख्य सचिव ने की समीक्षा बैठक
पर्वतजन ब्यूरो
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, भारत सरकार द्वारा ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेसÓ के अंतर्गत राज्यों हेतु निर्धारित 340 कार्य बिन्दुओं (एक्शन प्वाइंट) के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में हुई अब तक की प्रगति की समीक्षा मुख्य सचिव के स्तर पर की गई।
राज्य सरकार द्वारा विश्व बैंक के अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया, ताकि उन्हें भी राज्य द्वारा इस दिशा में हुई प्रगति से अवगत कराया जा सके। इस संबंध में उनकी प्रतिक्रिया एवं मार्गदर्शन लिया जाए तथा अन्य राज्यों द्वारा यदि कोई नीति अपनाई गई हो तो उनकी जानकारी ली जा सके, ताकि इस दिशा में आगे की रणनीति बनाई जा सके।
राज्य सरकार के संबंधित प्रमुख सचिव/सचिव/विभागाध्यक्षों तथा विश्व बैंक के हरीश झांजरिया एवं अनुज द्वारा बैठक में प्रतिभाग किया गया। विश्व बैंक टीम द्वारा देश के 13-14 राज्यों में इस कार्य की समीक्षा अभी हाल ही में की गई है। विश्व बैंक टीम द्वारा उत्तराखंड राज्य में किए गए कार्यों की सराहना की गई। अन्य राज्यों की तुलना में इस दिशा में उत्तराखंड में यह कार्य देरी से प्रारंभ किया गया था एवं गत वर्ष की रैकिंग में उत्तराखंड राज्य 23वें स्थान पर था। 1 जून 2016 की स्थिति में 340 कार्य बिंदुओं में से लगभग 75 प्रतिशत कार्यवाही पूरी हो चुकी है। गत वर्ष उत्तराखंड राज्य के 13.36 प्रतिशत बिंदु ही पूरे किए जा सके थे।
विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने बताया कि रैंकिंग में उत्तराखंड ने उल्लेखनीय प्रगति की है। कुल 340 कार्य बिंदुओं में 246 हासिल कर उत्तराखंड ने अब तक 75 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर ली है। उम्मीद है कि 15 जून तक कार्य बिंदु ‘एक्शन प्वाइंटÓ अपलोड करने के बाद उत्तराखंड 87 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि प्राप्त कर लेगा।
राज्य में विशेष सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। सभी क्लियरेंसेस ऑनलाइन दी जा रही है। बिना कागजी कार्यवाही के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी ऑनलाइन दी जा रही है। ऐसा करने में उत्तराखंड, गुजरात के बाद देश में दूसरा राज्य बन गया है। थर्ड पार्टी लेबर ऑडिट, उद्योगों में जोखिम का मूल्यांकन, श्रम प्रबंधन व्यवस्था लागू की गई है। बिजली विभाग में एचटी लाइन कनेक्शन के लिए डिस्काम के इंजीनियरों से थर्ड पार्टी निरीक्षण कराया जा रहा है। स्काडा के माध्यम से विद्युत आपूर्ति की मॉनिटरिंग और ऑटोमेटेड मीटरिंग की व्यवस्था की जा रही है। बिल्डिंग प्लान मंजूरी के साथ-साथ फायर की एनओसी भी दी जाएगी। औद्योगिक क्षेत्रों में पेड़ों का सर्वे भी कराया जाएगा। बताया गया कि उत्तराखंड ने बिजनेस रिफार्म में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। डीआईपीपी ‘डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ड्रियल प्रमोशन एंड पालिसीÓ के पोर्टल पर अपलोड करने के बाद प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी, प्रमुख सचिव ऊर्जा उमाकांत पंवार, प्रमुख सचिव एमएसएमई मनीषा पंवार, सचिव आवास मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव व्यापार कर दिलीप जावलकर, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विनोद सिंहल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने मंगलवार २१ जून को सचिवालय में ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेसÓ के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने खुशी जाहिर की कि लगातार कोशिश करने से उत्तराखंड की रैंकिंग में सुधार हुआ है। सिंगल विंडो सिस्टम से सभी संबंधित विभागों को एकीकृत कर दिया गया है। अब लघु, सूक्ष्म, मध्यम (एमएसएमई) उद्यमों को लगाने के लिए अलग-अलग आवेदन करने की जरूरत नहीं है। सभी तरह की औपचारिकताएं ऑनलाइन पूरी होकर क्लियरेंस मिल रही है।
”ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड की रैंकिंग सुधरने का श्रेय मैं अपने अफसरों द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली को देता हंू। जितनी अधिक सेवाएं ऑनलाइन होंगी, उतना ही सिस्टम पारदर्शी और
सुलभ होगा।
– हरीश रावत, मुख्यमंत्री
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने २१ जून को सचिवालय में ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने खुशी जाहिर की कि लगातार कोशिश करने से उत्तराखंड की रैंकिंग में सुधार हुआ है।