पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

एक्सक्लूसिव: कार्बेट मे कारोबार के नाम पर सभ्यता का सौदा

August 5, 2018
in पर्वतजन
ShareShareShare

रामनगर। रामनगर में आजकल कार्बेट पार्क में संचालित हो रही पर्यटन गतिविधियों को लेकर चर्चाओं का दौर गर्म है। पर्यटन कारोबारी हाईकोर्ट के पार्क में गतिविधि पर होते निर्णयों को पार्क में पर्यटन को लेकर एक बडा ब्रेक लगना तय मान रहे हैं, उधर साथ ही पर्यटन गतिविधियों को लेकर हाईकोर्ट के निर्णयों के खिलाफ भी दबी जुबान में आक्रोश जता रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच अक्सर 80-90 के दशक का वह रामनगर याद आता है जब रामनगर में कार्बेट पार्क को लेकर धीरे-धीरे पर्यटन व्यवसाय का विस्तार होना शुरू हुआ था ।

पहले वाला रामनगर

पर्यटन तब रामनगर के कारोबारों की श्रेणी में नहीं गिना जाता था । उस समय रामनगर एक मंडी के रूप में प्रसिद्व था, एक ऐसी मंडी जिसका नाम पूरे देश में मशहूर था । पहाडों के उत्पाद मैदान, मैदान के उत्पाद पहाडों को भेजे जाते थे । इस मंडी का विस्तार गढवाल से लेकर कुमांऊ के सुदूर पर्वतीय अंचलों से लेकर देश के दूर दराज के कोनों तक था। इसके साथ ही रामनगर में लकडी का बड़़ा कारोबार हुआ करता था। जिसकी निशानी में आज भी इलाके में कई प्लाईबोर्ड फैक्ट्रियां नजर आती है। लेकिन अब वह कारोबार किसी भी मंडी में नजर नहीं आता। इसके बाद रामनगर में उद्योग घाटी स्थापित होने की शुरूआत हुई । जिसको मोहान, कानिया, छोई, आईडीपीएल, हल्दुआ, चिल्किया जैसे स्थानों पर स्थापित किया गया। लेकिन कुछ वक्त की मार रही कुछ सरकारों का नक्कारापन तो कुछ वन कानूनों की अड़चनें रामनगर एक उद्योग घाटी नहीं बन सका।

बदला रामनगर का स्वरूप 

खैर, रामनगर में 90 के दशक के अंत में कार्बोनेट पार्क में वन्यजीवन दर्शन की ओट में धीरे-धीरे पर्यटन एक व्यवसाय बनने लगा। ग्रामीणों की जमीनों की खरीद-फरोख्त शुरू हुई। रिर्जोटों का बनना शुरू हुआ। जमीनों का कारोबार उछाल मारने लगा। रिर्जोटों के साथ ही वन्यजीव प्रेमियों के साथ साथ सैर सपाटे की चाह रखने वाले पर्यटकों की आवक शुरू हुई । सरकार को भी यह मुफीद कारोबार लगा, सरकार को लगा कि पर्यटक आएंगे तो कारोबार बढेगा, राजस्व आएगा, और शायद कुछ बैकडोर मनी भी। अब कार्बेट एक संवेदनशील वन क्षेत्र और संरक्षित बाघ अभ्यारण्य या नेशनल पार्क से ज्यादा पर्यटन और बड़ी शादियों (डेस्टिनेशन वेडिंग्स) के लिए प्रसिद्व हो गया।

पर्यटन के नाम अवैध शिकार 

इसी बीच खबर आई कि रामनगर के कार्बेट पार्क में हाथियों का अंधाधुंध शिकार हो रहा है, इसे नेशनल मीडिया ने भी कवर किया और नाम दिया एलीफैंट पोचिंग का। रामनगर का कार्बेट पार्क अब वन्य जीवों के शिकार के लिए भी चर्चाओं में आना शुरू हो गया। होटल-रिर्जोटों का कुकुरमुत्ते की तरह उगना रामनगर में बदस्तूर जारी हो चुका था। गाँव सीमित होते रहे रेसोर्ट्स अवैज्ञानिक तरीके से पनपते रहे रामनगर एक ऐसी घाटी बन गया, जहां हर तरफ बड़े बड़े रिर्जोट ही नजर आते हैं। यह खेल तब से अब तक बदस्तूर जारी है। अब शुरू हुआ जमीनें कब्जानें का खेल, क्या सरकारी, क्या वन भूमि, क्या नदी घाटी सब प्रभावशाली मालिकों के रिर्जोटों की गिरफ्त में थे। सरकारें आंख मूंदे बैंठी थी। जमीनों के माफिया हावी थे। रिजोटों का वर्चस्व इतना था कि जिन वन्य जीवों को लेकर पार्क स्थापित किया गया था, अब वही वन्य जीव पानी पीने कोसी नदी में नहीं जा सकते थे।सटे हुए 200 के आसपास रिसोर्ट बनने से कोसी रीवर कॉरिडोर पूरी तरह बंद हो चुका है। वन कानून बनाए गए लेकिन इतने सख्त कि पार्क से सटे इलाकों के मूल ग्रामीण अब जलौनी लकडी लेने और चारे के लिए जंगल नहीं जा सकते थे लेकिन रेसोर्ट्स स्वामियों को वन विभाग और पार्क प्रशासन प्रकृति से हर ज्यादती की मौन इजाजत देता रहा । मानव वन्यजीव टकराव बढने लगा तो स्थानीय लोग वन्यजीवों के हमले के शिकार बनने लगे । इसी बीच तमाम देश-विदेश में पकडे गए वन्यजीव तस्करों ने यह स्वीकारा की कार्बेट में वन्यजीवों का शिकार करना बेहद सरल है। मतलब साफ था कार्बेट पार्क अब एक ऐशगाह था, जो सबसे साफ्ट टाॅरगेट था चाहे वह शिकार के लिए या फिर अय्याशी का । ऐसा लग रहा था कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और केंद्र सरकार की गाइडलाइन और नियम कहीं धूल फांक रहे है । नदी किनारे बसे बड़े रिर्जोटों ने तो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की जहमत भी नहीं उठाई । मतलब साफ था कि सारा सीवर कोसी में, पीना रामनगर वालों की मजबूरी ।

और छलका सब्र

अब स्थितियां बर्दाश्त के बाहर थी। रामनगर के उन गांवों की मूल संस्कृति विलुप्त हो चुकी थी, जहां आज रिर्जोटों का बडा कारोबार था । सरकारों के नक्कारेपन के चलते अब कोर्ट ही एकमात्र सहारा नजर आया । तर्क, वितर्क, कुर्तक सुनने के बाद और गूढ अध्ययन, समीक्षा के बाद ही कोई न्यायालय निर्णय देता है। स्थिति यह हो गई कि ग्राम सभा ढिकुली जहां सबसे ज्यादा रिसोर्ट स्थापित हैं और ग्रामीणों द्वारा बेची गयी जमीन पर स्थापित हैं, उसके अधिवक्ता ने ही कोर्ट को अनियंत्रित संख्या में पर्यटक वाहन चलने और ग्रामीण जीवन तबाह होने की बात बताई और हस्तक्षेप की गुहार लगाई। लेकिन अतीत के पन्नों में जाएं तो लगता है, कि यह वह कार्बेट तो कम से कम नहीं हो सकता जिसका सपना कभी मशहूर आदमखोर शिकारी एडवर्ड जिम कार्बेट और संरक्षणकर्ताओं ने देखा होगा । इसके साथ ही एक ऐसे अनियंत्रित और व्यवसाय के नाम पर प्रकृति को कुचलने पर आमादा पर्यटन के नाम पर रामनगर शहर की ऐतिहासिक विरासत को कहीं गुमनाम शहर बनने के बारे में शायद रामनगर शहर बसाने वाले एच. हेनरी रैम्जे ने भी नहीं सोचा होगा । बाकी फिर कभी …….


Previous Post

स्तनपान सप्ताह पर पुरोला में निकाली जनजागरुकता रैली

Next Post

यूक्रेन के सैलानी पिंडारी आए, निराश लौटे

Next Post

यूक्रेन के सैलानी पिंडारी आए, निराश लौटे

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • घुसपैठ : दून और हरिद्वार में फर्जी दस्तावेजों के साथ छह बांग्लादेशी दबोचे..
  • बड़ी खबर: वन विभाग गेस्ट हाउस में कंप्यूटर ऑपरेटर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत। हत्या की आशंका
  • उपलब्धि: ग्राफिक एरा यूनिवर्असिटी अब नासा-इसरो मिशन का हिस्सा..
  • देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी : पिनाक 2025′ का आगाज़। शंकर महादेवन और देव नेगी बिखेरेंगे जलवा
  • चयनित मगर बेरोज़गार: नियुक्ति की आस में संघर्षरत सहायक अध्यापक अभ्यर्थी
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!