कृष्णा बिष्ट
उत्तराखंड के पूर्व भाजपा विधायक के कॉलेज में भी छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है गौरतलब है कि विकास नगर से भाजपा के विधायक रहे कुलदीप कुमार का एक कॉलेज संचालित होता है। इस कॉलेज का नाम एसबी कॉलेज ऑफ एजुकेशन है।
यहां अधिकतर विकासनगर और चकराता के छात्र पढ़ते हैं। यहां भी छात्रों ने फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति हासिल की है। लेकिन जांच एजेंसियां इस कॉलेज पर हाथ डालने से बच रही हैं।
उदाहरण के तौर पर
आनंद सिंह (ग्राम बिसोई, नागथात कालसी) के दो पुत्र संदीप सिंह और अभिजीत सिंह ने वर्ष 2014-15 में एस बी कॉलेज ऑफ एजुकेशन विकास नगर (पूर्व विधायक कुलदीप कुमार का कॉलेज ) में बीबीए तथा बीसीए प्रवेश दर्शा कर क्रमशः 35,300 तथा 35,300 रुपये छात्रवृत्ति की धनराशि प्राप्त कर दी गई।
इन प्रकरणों में हैरानी की बात यह है कि आनंद सिंह ने अपने पुत्र संदीप सिंह को छात्रवृत्ति दिलाने के लिए वर्ष 2014-15 में रुपए 36,000 का वार्षिक प्रमाण पत्र तहसील से बनाया गया तथा इसी वर्ष अपने दूसरे पुत्र अभिजीत को छात्रवृत्ति दिलाने के लिए ₹60000 का वार्षिक प्रमाण पत्र तहसील से प्राप्त किया गया।
कॉलेज द्वारा भी बिना जांच-पड़ताल किए ही छात्रवृत्ति दिलाने की संस्तुति समाज कल्याण विभाग को कर दी गई, जिससे कॉलेज संचालकों पर छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल होने की स्वतः ही पुष्टि हो जाती है।
इस कॉलेज के संबंध में जानकारों का कहना है कि यदि इस कॉलेज में विगत 5 वर्षों से गहनता से जांच की जाए तो कई लाख रुपए की छात्रवृत्ति के प्रकरण सामने आ सकते हैं, परंतु ऐसे मामलों में एसआईट जानबूझकर या सत्ता के भारी दबाव मे कोई कार्यवाही नहीं करना चाहती।
खुशीराम तोमर ( निवासी बाडवाला पोस्ट अशोक का आश्रम चिलियों, देहरादून ) सरकारी विभागों में ए श्रेणी ठेकेदार हैं, और आयकर दाता है। इनके पुत्र ऋषभ तोमर ने उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून से पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के नाम पर वर्ष 2016-17 में समाज कल्याण विभाग से ₹37,300 की छात्रवृत्ति हड़पी है। इनका ग्राम कोटा तपलाड चकराता में मकान जमीन तथा बाड़वाला विकास नगर में जमीन मकान है, किंतु इसके बावजूद इन्होंने तहसील से मिलीभगत से कम आय का प्रमाण पत्र बनवाया है।
ग्राम मंडोली के मोहन सिंह चौहान की पुत्री ने वर्ष 2015 -16 मे समाज कल्याण विभाग से कम आय का प्रमाण पत्र तहसील से प्राप्त कर अपनी पुत्री नीलम चौहान को देहरादून टेक्निकल एंड मैनेजमेंट कॉलेज से बीसीए में समाज कल्याण विभाग से 33300 की छात्रवृत्ति फर्जी तरीके से दिलाई है।
मोहन सिंह चौहान का विकास नगर दुर्गा बिहार में मकान गाड़ी तथा करोड़ों रुपए की ठेकेदारी का बिजनेस है और आयकर दाता भी हैं।
जयप्रकाश सेमवाल (निवासी ग्राम जखनोग, पोस्ट लखवाड़ कालसी देहरादून) ने भी कम आय का प्रमाण पत्र लगाकर अपनी दोनों पुत्रियों के नाम से वर्ष 2016-17 में द्रोणाचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन धर्मावाला विकास नगर से समाज कल्याण विभाग से फर्जी छात्रवृत्ति हड़पी है।
यह छात्रवृत्ति कुमारी नविता और स्मिता के नाम से बी ए कोर्स हेतु ली गई।
जय प्रकाश सेमवाल सेवानिवृत्त कर्मचारी होने के बावजूद एक कम आय का प्रमाण पत्र जारी करवा कर छात्रवृत्ति ले चुके हैं।
छात्रवृत्ति घोटाले में भाजपा के पूर्व विधायकों और बड़े नेताओं से जुड़े कॉलेजों तथा छात्रवृत्ति लेने वाले रसूखदार परिवारों का नाम आने से अब जांच एजेंसियों के सामने बिना दबाव में आए जांच जल्दी और निष्पक्ष तरीके से करने की चुनौती आ खड़ी हुई है।
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