पूर्व मुख्यमंत्री तथा पूर्व हाई कोर्ट जज रह चुके विजय बहुगुणा ने आज हाई कोर्ट पर लक्ष्मणरेखा लांघने के आरोप लगा डाले। यह वही विजय बहुगुणा हैं, जिन्होंने मुंबई हाई कोर्ट में जज रहते हुए इस्तीफा दे दिया था। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि उन्होंने आखिर यह इस्तीफा क्यों दिया !
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मुंबई बार कौंसिल ने उस दौरान विजय बहुगुणा पर इस्तीफा देने के लिए जब काफी दबाव बना दिया और उन्हें कोई रास्ता न सूझा तो फिर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
विजय बहुगुणा द्वारा आज हाईकोर्ट पर सवाल उठाए जाने से एक सवाल विजय बहुगुणा पर भी खड़ा होता है कि उन्होंने ऐसी कौन सी लक्ष्मण रेखा लांघी थी, जिसके कारण उन्हें हाई कोर्ट में जस्टिस के पद से इस्तीफा देना पड़ा था !!
गौरतलब है कि वर्तमान में उत्तराखंड सरकार द्वारा आम आदमी को राहत न मिलने से आम आदमी हाई कोर्ट की शरण में जा रहा है और हाई कोर्ट जनहित के मुद्दों पर बेहद संवेदनशीलता से निर्णय भी ले रहा है ऐसे में पूर्व जस्टिस विजय बहुगुणा द्वारा हाईकोर्ट पर लक्ष्मणरेखा लांघने के आरोपों वाले बयान से सवाल खड़ा हो रहा है कि हाईकोर्ट के जस्टिस सिर्फ नियम कायदों और कानूनों का अनुपालन करा रहे हैं अथवा क्या वाकई वे लक्ष्मणरेखा लांघ रहे हैं !
कानून के जानकारों में इस बात पर भी चर्चा छिड़ सकती है कि पूर्व जस्टिस विजय बहुगुणा का यह बयान क्या हाई कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आता है अथवा नहीं !
विजय बहुगुणा के इस बयान के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा सकते हैं।
दरअसल विजय बहुगुणा कुछ समय पहले खुद को राज्यसभा की दावेदारी से लेकर अन्य तमाम मंचों पर खुद को साइडलाइन किए जाने को लेकर राज्य के नेतृत्व से नाराज थे किंतु कुछ दिन पहले ही त्रिवेंद्र सिंह रावत विजय बहुगुणा से मिलने उनके आवास पर गए, उसके बाद लोकसभा चुनाव में अपने पुत्र की दावेदारी को देखते हुए विजय बहुगुणा का यह बयान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को साधने के अस्त्र के रूप में देखा जा सकता है।