कांग्रेस द्वारा उत्तराखण्ड की पांच लोकसभा सीटों के प्रत्याशी घोषित हो गये हैं। तीन बार अल्मोडा एक बार हरिद्वार के सांसद राज्य सभा सांसद मुख्यमंत्री दो बार प्रदेश अध्यक्ष केन्द्र में मंत्री और अब राष्ट्रीय महासचिव कांग्रेस बन चुके हरीश रावत एक बार फिर भारी पड़े, टिहरी को छोड़ बाकी चारों टिकट हरीश रावत और उनके लोगों को मिले।
काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के देहरादून दौरे के दौरान जब भुवन खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूरी ने कांग्रेस ज्वाइन करते हुए मंच पर सिर्फ हरीश रावत के पैर छुए तो उसी दिन लोगों को ज्ञात हो गया था कि खंडूड़ी को कांग्रेस में लाना हरीश रावत का काम था।
हरीश रावत ने अल्मोड़ा से अपने दूसरे शिष्य प्रदीप टम्टा को तीसरी बार टिकट दिलवाया तो खुद के लिए नैनीताल सीट भी चुनी।
हरिद्वार से पूर्व विधायक अमरीश कुमार को टिकट दिलवा कर हरीश रावत ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड में टिकट दिलाने में उनकी कितनी महत्वपूर्ण भूमिका रही
इस पूरे प्रकरण में एक बात फिर साबित हो गई है कि उत्तराखंड में भले ही हरीश रावत दो विधानसभा चुनाव हार कर किनारे बताए जा रहे थे लेकिन पांच में से चार टिकट झटक कर उन्होंने बता दिया है कि कांग्रेस में उनकी आज भी क्या भूमिका है !
देखना है कि पांच में से चार टिकट लेने वाले हरीश रावत अब जीत के लिए सपा बसपा के साथ किस तरह का नया गठबंधन कर चुनाव को और रोमांचक बनाते हैं !