उत्तराखंड में 70 में से 57 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी के विधायक इन दिनों बहुत परेशान हैं। 2 साल तक उन्हें इस उम्मीद में चुप रखा गया कि उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा नहीं तो दायित्वधारी जरूर बनाया जाएगा। 2 साल पूरा होते होते ना तो कैबिनेट मंत्री बनाया न दायित्व धारी क्योंकि छपास की बीमारी चरम पर है तो विधायकों ने फेसबुक पर वह सब करना शुरू कर दिया जो नहीं करना चाहिए।
द्वाराहाट के विधायक चैंपियन महेश नेगी ने द्वाराहाट की कुछ महिलाओं की अल्ट्रासाउंड कराते फोटो फेसबुक पर अपलोड कर दी विधायक ने यह काम अपनी पीठ थपथपाने के लिए किया था किंतु उनके मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्ट ने इस मुद्दे को महिलाओं की अस्मिता से जोड़कर विधायक महेश नेगी की सारी फिल्म फ्लॉप कर दी आनन फानन में महेश ने वह फोटो सोशल मीडिया से हटा दिए लेकिन तब तक तो रायता फैल चुका था फेसबुक के इस दौर में लगी इस बीमारी ने चैंपियन महेश नेगी को चारों खाने जरूर चित कर दिया है । विधायक महेश नेगी फिलहाल बैकफुट पर खडे होकर इस सेल्फ गोल का समाधान ढूंढ रहे हैं जिससे वे उल्टे मुंह गिरे हुए हैं विधायक महेश नेगी द्वारा किए गए इस कृत्य पर पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्ट का कहना है कि जिस अल्ट्रासाउंड के कमरे में महिला के परिजन तक नहीं जा सकते वहां विधायक महेश नेगी कैसे पहुंच गए और महिलाओं की अल्ट्रासाउंड लेती फोटो कैसे खींची गई जो कि न सिर्फ संविधान के विरुद्ध है बल्कि किसी महिला की निजता पर भी हमला है इस पूरे प्रकरण में अल्ट्रासाउंड के कमरे में मौजूद डॉक्टर और शेष कार्मिकों पर कार्यवाही की पूरी संभावना है यदि महिलाओं के परिजनों ने विधायक के खिलाफ तहरीर दे दी तो विधायक की चैंपियन गिरी भी दुरस्त होनी तय है