उत्तराखंड की भाजपा में कुछ ऐसे पदाधिकारी भी हैं, जिनके पास अपने परिवार के भी वोट नहीं हैं, किंतु एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन पर भाजपा हाईकमान के लोगों के स्वागत-समारोह में ये ही लोग मुख्य रूप से दिखाई देते हैं। बीच चुनाव में ऐसे ही कुछ पदाधिकारियों के कारण भाजपा को जिल्लत का सामना करना पड़ा।
पर्वतजन ब्यूरो
उत्तराखंड में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई रंग देखने को मिले। इनमें से सबसे गंभीर विषय देहरादून स्थित हैलीपैड पर हुआ। इसके कारण भाजपा के आंतरिक राजनीति में बवाल खड़ा हो गया। भाजपा के वर्ग विशेष के लोगों द्वारा भाजपा हाईकमान के वीआईपी और वीवीआईपी लोगों के स्वागत में पहली पंक्ति में खड़े होकर फोटो खिंचवाने वाले कुछ लोगों ने विषय को बहुत गंभीर बना दिया।
कुछ समय पहले अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिसीव करने वाले लोगों के फोटो सोशल मीडिया में छाए तो कई दिनों तक भाजपा दफ्तर में कलह मचा रहा। अब विधानसभा चुनाव के दौरान जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह चुनाव प्रचार के लिए उत्तराखंड आए तो देहरादून स्थित हैलीपैड पर कुछ स्वयंभू नेता फूलों का गुलदस्ता लेकर गृह मंत्री की अगवानी में हैलीपैड पहुंच गए।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी द्वारा हैलीसेवा के लिए लाई गई ब्लू पर्ल एविएशन प्रा.लि. कंपनी के २४ वर्षीय निदेशक राजनाथ सिंह के लिए भोजन लेकर हैलीपैड पर पहुंचे। ब्लू पर्ल एविशन प्रा.लि. के निदेशक विक्रांत भारद्वाज जो कि देहरादून के ही रहने वाले हैं और लंबे समय से भाजपा के लिए चुनाव प्रचार व हैली सेवाओं में सेवाएं देते आ रहे हैं, को भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता विश्वास डाबर और भाजपा नेता पंकज गुप्ता ने हैलीपैड पर ही रोककर मजाक करना शुरू कर दिया।
विक्रांत भारद्वाज ने इन दोनों नेताओं को बताया कि कृपया देश के गृह मंत्री के प्रोटोकॉल और उनकी सुरक्षा के मद्देनजर दोनों नेता थोड़ा गंभीरता से बात करें, किंतु पंकज गुप्ता और विश्वास डाबर ने विक्रांत भारद्वाज को कहा कि गृह मंत्री के लिए लाया हुआ भोजन उन दोनों को भी देना चाहिए। इस बीच वहां पर राजनाथ सिंह की सुरक्षा में लगे एसपीजी के कमांडो भी आ गए थे। विश्वास डाबर और पंकज गुप्ता ने विक्रांत भारद्वाज को चिढ़ाते हुए कहा कि उन्हेंं यह भोजन पहले हम दोनों को टेस्ट करवाना चाहिए तो कमांडो ने पूछा कि भोजन चैक करने की क्या आवश्यकता? इस पर विश्वास डाबर और पंकज गुप्ता ने बताया कि हो सकता है कि भोजन में कुछ मिलाया हुआ हो, इसलिए वे दोनों भोजन चैक करना चाहते हैं।
विश्वास डाबर और पंकज गुप्ता द्वारा भोजन में कुछ मिला हुआ होने की बात सुनते ही सुरक्षा कर्मियों ने एविएशन कंपनी के डायरेक्टर विक्रांत भारद्वाज को पकड़ लिया और उन्होंने अंदर कमरे में ले जाकर विक्रांत भारद्वाज से न सिर्फ गहन पूछताछ की, बल्कि विक्रांत भारद्वाज के घर-परिवार, नाते-रिश्तेदारों के पते व फोन नंबर भी ले लिए। विक्रांत भारद्वाज को काफी देर तक वहीं सुरक्षा कर्मियों ने बिठाए रखा और स्पष्ट किया कि यदि भोजन में कुछ भी गड़बड़ पाया गया तो विक्रांत भारद्वाज का आने वाला समय जेल में कटेगा।
इस बीच राजनाथ सिंह हैलीपैड पर पहुंच गए। फोटो खिंचवाने वाले और गुलदस्ता देने वालों ने उन्हें गुलदस्ता भेंट किए। राजनाथ सिंह ने भोजन मांगा, किंतु सुरक्षा कर्मियों ने सुरक्षा का हवाला करते हुए राजनाथ सिंह को भोजन देने से मना कर दिया। आनन-फानन में राजनाथ सिंह के लिए ले जाया गया भोजन सीज कर दिया गया और जांच के लिए सुरक्षा कर्मी उक्त भोजन को अपने साथ दिल्ली ले गए। राजनाथ सिंह के दिल्ली रवाना होने के बाद विक्रांत भारद्वाज को छोड़ा गया। २४ साल के युवा पायलट विक्रांत भारद्वाज के लिए ये क्षण एक अपराधी की भांति थे, जैसे उन्होंने कोई बहुत बड़ा अपराध किया हो। दरअसल युवा पायलट को ये सारी जिल्लत विश्वास डाबर और पंकज गुप्ता की मूर्खता के कारण झेलनी पड़ी। हैलीपैड से वापस आकर जब विक्रांत भारद्वाज ने भाजपा के नेताओं को पूरे प्रकरण की जानकारी दी तो एविएशन में लगी सारी समिति के लोग और कर्मचारियों के साथ-साथ भाजपा के वोलंटियर भी काम छोड़कर निकल गए।
यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों से पहले का था। एविएशन के लोगों द्वारा काम छोड़कर जाने से भाजपा में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल ने मोर्चा संभाला। देहरादून के होटल पैसिफिक में एविएशन के पदाधिकारियों को बुलाकर उनसे मान-मनौव्वल की और किसी तरह काम जारी रखने का अनुरोध किया गया। विश्वास डाबर से वहीं पर सबके सामने माफी मंगवाई गई। तब जाकर एविएशन का काम जारी रह सका।
कुल मिलाकर भाजपा के छुटभैयों की छोटी हरकत के कारण गृह मंत्री राजनाथ सिंह की निखाणी तो हो ही गई।