पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी अपने बेटे मनीष खंडूरी के समर्थन में चुनाव प्रचार शुरू कर सकते हैं। कांग्रेसी खेमे में इन चर्चाओं को लेकर उत्साह का माहौल है कि जनरल भुवन चंद्र खंडूरी राहुल गांधी की पौड़ी में होने वाली रैली के दौरान अपने बेटे मनीष खंडूरी के समर्थन में खड़े हो सकते हैं। इससे उनके शिष्य और भाजपा के प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत को सियासी नुकसान होना तय है।
बहरहाल 6 अप्रैल को राहुल गांधी की रैली के दौरान यह वाकई साफ हो जाएगा कि जनरल खंडूरी का आशीर्वाद तीरथ सिंह रावत के साथ है या फिर मनीष खंडूरी के सर पर भाजपा के अंदर इन चर्चाओं को लेकर अभी से खलबली का माहौल है और प्रदेश स्तर पर रणनीतिकार इसके डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
अब तक जनरल खंडूड़ी की चुप्पी को अपने-अपने पक्ष में भुना रहे कांग्रेस और भाजपा के दावेदारों के दावों पर उस दिन फाइनल मुहर लग जाएगी।
जैसे-जैसे समय गुजरता जा रहा है, जनरल खंडूरी का लाभ उनके पुत्र के साथ जुड़ता जा रहा है।
भले ही अब तक जनरल खंडूरी ने अपने मुंह से पुत्र को समर्थन देने की बात न कही हो लेकिन ऐसे कई परिस्थिति जन्य तर्क और तथ्य हैं जो बताते हैं कि जनरल खंडूरी का आशीर्वाद अपने पुत्र के साथ है।
सबसे पहले जब मनीष खंडूरी ने कांग्रेस का दामन थामा था तो जनरल खंडूरी से पूछे जाने पर उन्होंने अपने पुत्र के समर्थन में ही यह वक्तव्य दिया था कि उनका “बेटा कांग्रेस में गया है कोई पाकिस्तान तो नहीं चला गया। हर एक की अपनी विचारधारा होती है और वह अपना निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं।”
दूसरा अवसर होली के दौरान आया जब जनरल खंडूरी ने अपने पुत्र के माथे पर तिलक लगाते हुए फोटो सेशन करा के इन फोटोग्राफ्स को पहली बार सोशल मीडिया पर वायरल करा दिया था।
तीसरा मौका तब आया जब जनरल खंडूरी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तीरथ सिंह रावत के नामांकन के वक्त गैरहाजिर रहे।
चौथा मौका तब आया जब जनरल खंडूरी के पैतृक मकान से वर्षों से लहरा रहा भाजपा का झंडा हटा कर कांग्रेस का झंडा लगा दिया गया।
पांचवा वाकया तब सामने आया जब रक्षा समिति से हटाए जाने को लेकर मनीष खंडूरी और कांग्रेस के लोगों ने केंद्रीय आलाकमान की जनरल खंडूरी से नाराजगी को जोड़कर देखा लेकिन इस बात पर भी जनरल खंडूरी ने कोई प्रतिकार नहीं किया। इससे लगा कि वह वाकई रक्षा समिति से हटाए जाने के कारण नाराज हैं।
टिकट वितरण से काफी पहले जब मीडिया ने उन से चुनाव लड़ने के लिए फिट होने या ना होने के विषय में सवाल किया था तो उन्होंने हवा में हाथ लहराते हुए पत्रकारों से ही प्रति प्रश्न कर लिया था और कहा था कि क्या उन्हें वे फिट नहीं दिखते !” इससे लगा कि टिकट मिलने पर वह लड़ सकते हैं। अर्थात उनका टिकट काटा गया।
जनरल खंडूड़ी के विश्वस्त लोग और उनके समर्थक अब खुलेआम मनीष खंडूरी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
6 अप्रैल को पौड़ी में राहुल गांधी की चुनावी रैली रखी गई है। यदि इस दिन जनरल खंडूरी अपने पुत्र मनीष खंडूरी जी के पक्ष में मंचासीन होते हैं तो इस पर मुहर लग जाएगी कि खंडूरी का आशीर्वाद अब कांग्रेस के साथ है।
यदि भाजपा समय रहते डैमेज कंट्रोल नहीं करती और वाकई जनरल खंडूड़ी कांग्रेस के मंच पर पुत्र के समर्थन में मंचासीन होते हैं तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं फिर यमकेश्वर विधायक और उनकी पुत्री रितु खंडूरी के लिए भी भविष्य की राहें आसान नहीं रह जाएंगी।
जाहिर है कि भाजपा ने लगातार विधायक रही विजय बड़थ्वाल का टिकट काटकर उनकी पुत्री रितु खंडूरी को सौंपा था। ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में फिर से भाजपा विजया बड़थ्वाल पर भरोसा जता सकती हैं।