जगदम्बा कोठारी/ रुद्रप्रयाग
‘जिला विकास भवन भूत बंगला है’। जी हां यह बात हम नही कह रहे हैं बल्कि रूद्रप्रयाग के आला अधिकारियों का यह दावा है।
विज्ञान के इस दौर में जहाँ एक ओर असंख्य आविष्कार किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसी वैज्ञानिक सोच के परे आधुनिक समाज मे भी अन्धविश्वास के चलते कुछ लोग भूत प्रेतों से मुक्ति के लिये धार्मिक अनुष्ठान का सहारा ले रहे हैं, कुछ ऐसा ही हैरान करने वाला वाकया रूद्रप्रयाग के नव निर्मित विकास भवन मे भी हो रहा है।
वर्ष 1998 मे टिहरी,चमोली व पौढ़ी जनपद के भूभाग को मिलाकर ‘रूद्रप्रयाग’ जनपद का गठन किया गया था, तब से लेकर 18 वर्षों तक जनपद के पास अपना विकास भवन नहीं था, 26 जनवरी 2016 को करोंडों की लागत से बने जनपद के अपने विकास भवन का लोकार्पण हुआ।तब से लेकर आज तक यह विकास भवन कुछ अधिकारियों के लिये ‘भूत बंगला’ बन चुका है।
वर्तमान मे इस विकास भवन मे जनपद के 16 महत्वपूर्ण विभाग संचालित हो रहे हैं लेकिन कुछ ‘जिम्मेदार’ अफसरों के लिए यह भवन भूत बंगले से कम नहीं है,उनका दावा है कि इस जगह पर भूतों का घर है जिन्हे भगाने के लिए पिछले रविवार 23 नवम्बर से मंगलवार 25 नवम्बर तक तीन दिवसीय अखण्ड रामायण पाठ और धार्मिक यज्ञ-अनुष्ठान रखा गया।जनपद गठन के 18 वर्ष बाद अस्तित्व मे आये इस भवन की रात्री सुरक्षा मे दो नियमित चौकीदार तैनात किये गये हैं, बताया जा रहा है कि दिन के वक्त तो यहां सब कुछ व्यवस्थित रहता है लेकिन मध्य रात्रि के बाद इस भवन मे किसी के रोने-चिल्लाने की तेज आवाजों के साथ घन्टियों के बजने की डरावनी आवाज सुनायी देती हैं जिससे घबराये दोनों रात्रि चौकीदारों ने रात को ड्यूटी करने से मना कर दिया।
यह बात जब मुख्य विकास अधिकारी एन एस रावत के कानों मे पड़ी तो उन्होने अपनी अध्यक्षता मे उच्च अधिकारियों की बैठक बुलायी और इस समस्या के निदान पर सभी अधिकारियों की सलाह ली। बैठक मे निर्णय लिया गया कि विकास भवन स्थित जगह भूतों का डेरा है और इन भूतों की शान्ति के लिए तीन दिवसीय अखण्ड रामायण पाठ के साथ धार्मिक अनुष्ठान किया जाये।
इस अनुष्ठान के सफल आयोजन के लिए बाकायदा चन्दा रसीद बुक भी छापी गयी, जिसमे सीडीओ के आदेश पर जनपद के लगभग सभी उच्च अधिकारियों ने सहयोग राशि दी,जिन अधिकारियों ने 25 तारीख तक रसीद नहीं कटवायी उनकी रसीदें अनुष्ठान के बाद भी काटी जा रही हैं।
बहरहाल तय कार्यक्रम के अनुसार रविवार से विकास भवन मे सीडीओ के नेतृत्व मे भूतों की शान्ति के लिए तीन दिवसीय अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन हुआ, जिसमे जनपद के पांच ब्राहम्णों को अनुष्ठान मे बैठाया गया।
हैरानी की बात है कि इस यज्ञ मे परियोजना अर्थशास्त्री एम एस नेगी सहित सीडिओ ने भी आहुतियां डाली और दावा किया गया कि विकास भवन पर भूतों का डेरा है जिसे भगाने के लिए यह यज्ञ और अनुष्ठान किया जा रहा है। जिला विकास भवन मे तीन दिन तक चले इस ड्रामे के अन्त मे एक विशाल भण्डारे का भी आयोजन किया गया।
इसी बात को लेकर जनपद मे जहां विकास भवन चर्चा का विषय बना है वहीं अनुष्ठान का आयोजन करने वाले सीडिओ सहित यज्ञ मे आहुतियां देने वाले तमाम आला अधिकारियों की किरकिरी भी हो रही है।
इस विषय को लेकर जब पर्वतजन ने जिले के सीडीओ एनएस रावत से संपर्क करना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि उन्हे विकास भवन मे ऐसे किसी अनुष्ठान के आयोजन की जानकारी नहीं है, इस विषय मे अधिकारियों से पूछा जायेगा उन्होने विकास भवन मे किसी तरह के भूत होने की खबर को मात्र अफवाह बताया है।