भाजपा ने निशंक पर ही लगाया दांव।स्थानीय प्रत्याशी की मांग को नहीं दिया भाव
कुमार दुष्यंत
हरिद्वार में पूरी जद्दोजहद के बाद भाजपा हाईकमान ने आखिरकार निवृतमान सांसद डा रमेश पोखरियाल निशंक के ही नाम पर मुहर लगाई।निशंक का नाम घोषित होते ही उनके प्रशंसकों में हर्ष की लहर दौड़ गयी।हाईकमान के निर्देशानुसार निशंक 25 मार्च को भाजपा प्रत्याशी के रुप में अपना पर्चा दाखिल करेंगे।
निशंक को शुरु से ही हरिद्वार से भाजपा टिकट का स्वभाविक व प्रमुख दावेदार माना जा रहा था।उनके प्रशंसक तो निशंक का टिकट पक्का होने को लेकर इतना आश्वस्त थे कि दिल्ली में 16 मार्च को भाजपा संसदीय समिति की पहली बैठक के बाद ही हरिद्वार में निशंक समर्थकों ने अगले दिन नारसन बार्डर पर उनके स्वागत की जोरदार तैयारियां कर ली थी।लेकिन टिकट बंटवारे के दौर में निशंक को दूसरे दावेदारों की चुनौतियों से जूझना पड़ा।उनकी मजबूत दावेदारी के बावजूद आधा दर्जन से अधिक दावेदारों ने अपने अपने पक्ष में जीत के तर्क देते हुए हाईकमान से टिकट की मांग कर हरिद्वार सीट पर पार्टी के बड़े नेताओं को उलझन में डाल दिया।टिकट पर निर्णय के अंतिम दौर में नरेश बंसल नरेंद्र सिंह व मदन कौशिक की दावेदारी के कारण निशंक के नाम की घोषणा लटकी रही ।
दावेदारों के स्थानीय प्रत्याशी के तर्क पर भी हाईकमान को काफी माथापच्ची करनी पडी।लेकिन अतत:हाईकमान ने स्थानीय प्रत्याशी की मांग को सिद्धांतत: खारिज कर दिया।इसका बड़ा कारण यह था कि स्वयं पार्टी के बड़े नेता अपनी गृह सीट से न लडकर सूदूर क्षेत्रों से लडते हैं।स्थानीय प्रत्याशी के आधार पर निर्णय करने से पार्टी को ओर क्षेत्रों से भी ऐसी मांग का सामना करना पड़ सकता था।जिसके बाद होली से दो दिन पूर्व पार्टी हाईकमान ने निशंक का नाम फाईनल करते हुए अन्य सभी दावेदारों को निशंक के लिए काम करने के निर्देशों के साथ दिल्ली से विदा कर दिया।क्योंकि उत्तराखंड की पांचों सीटों के नामों का ऐलान यूपी की लिस्ट के ही साथ होना था।इसलिए निशंक का नाम होली के दिन जारी लिस्ट के साथ ही हुआ।
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प्रत्याशी घोषित होने के बाद आज हरिद्वार पहुंचने पर नारसन बार्डर पर कार्यकर्ताओं व समर्थकों द्वारा डा निशंक का जोरदार स्वागत किया गया।शाम को हरकीपैडी पर पूजा कर निशंक अपने चुनाव प्रचार अभियान का श्री गणेश करेंगे।