कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी.के.बिष्ट के सिक्किम उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के रूप में तबादले के बाद आज उन्हें बार सभागार में भावभीनी विदाई दी गई। इस मौके पर न्यायमूर्ति बिष्ट ने मौजूद अधिवक्ताओं को मेहनत कर मुकाम पाने के लिये प्रेरित किया है ।
उच्च न्यायालय के बार सभागार में सैकड़ों अधिवाकताओं की मौजूदगी में न्यायमूर्ति वी.के.बिष्ट को भावभीनी विदाई दी गई। इस मौके पर बार के अध्यक्ष ललित बेलवाल ने उनका स्वागत किया। न्यायमूर्ति बिष्ट ने कहा कि उन्होंने अधिवक्ताओं और ज्यूडिशियल अकेडमी में कहा है कि मेरे दरवाजे उनके लिए 24 घंटे खुले हैं। उन्होंने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जब मैं गुस्सा होता हूँ तो काफी समय तक दुखी होता हूँ और उसके लिए हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। उन्होंने अधिवाकताओं को प्रेरित करते हुए बताया कि उन्होंने एक छोटे से गांव में पढ़ा और फिर वो एक सामान्य से अधिवक्ता रहे हैं। उन्होंने जूनियर अधिवक्ताओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि अगर मैं वरिष्ठ अधिवक्ता से हाई कोर्ट का जज और फिर मुख्य न्यायाधीश बन सकता हूँ तो आप लोग भी ईमानदारी से काम करके यही बन सकते हैं। उन्होंने अधिवकताओं को क्लाइंट का जल्दी काम कर न्याय दिलाने को कहा है। इसके अलावा बार के अध्यक्ष ललित बेलवाल ने भी कहा कि वो एक नेक इंसान थे। वो हमेशा बार सदस्यों के दिल में रहेंगे। इस बार का ये पहला सदस्य मुख्य न्यायाधीश बना है। वो न्यायमूर्ति के उज्वल भविष्य की कामना करते हैं।