गणपति की पूजा के सबसे शुभ दिन चल रहे हैं. ऐसे में गणपति की पूजा आपकी सारी परेशानियों का हल बन सकती है. मंगलमूर्ति गणेश की पूजा बहुत सरल होती है. सिर्फ पत्तों से ही बाप्पा को प्रसन्न किया जा सकता है.
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति का जन्म हुआ था. माना जाता है कि इस दिन गणपति धरती पर आकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इसलिए गणेश चतुर्थी पर अपने घर में गणपति की स्थापना जरूर करें.
शास्त्रों के मुताबिक गणेश जी की दो पत्नियां ऋद्धि-सिद्धि व लाभ और क्षेम पुत्र बताए गए हैं. जिनको शुभ-लाभ भी कहा जाता है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है तो उनकी पत्नियां ऋद्धि-सिद्धि यशस्वी, वैभवशाली और सम्मानित बनाने वाली होती है. इसी के साथ शुभ-लाभ हर सुख-सौभाग्य देते हैं और उसे स्थायी व सुरक्षित रखते हैं.
ऐसे ही सुख-सौभाग्य की चाहत पूरी करने के लिए बुधवार और चतुर्थी को गणेश पूजन में श्री गणेश के साथ ऋद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ का विशेष मंत्रों से ध्यान और पूजा बहुत ही फलदायी मानी गई है.
बुधवार को स्नान के बाद ऋद्धि-सिद्धि के साथ भगवान गणेश की मूर्ति को जल स्नान कराएं. इसके बाद उनके आस-पास शुभ-लाभ रूपी दो स्वस्तिक बनाएं. श्री गणेश और सभी को केसरिया चंदन लगाएं. फिर चावल, दूर्वा चढ़ाएं और धूप-दीप जलाकर पूजा करें. अब नीचे लिखे अलग-अलग मंत्र बोलकर गणपति और उनके परिवार को फूल चढ़ाकर शुभ, मंगल कामनाएं करें