एक लाख 50 हजार छात्रों का भविष्य अधर में
आर्यन छात्र संगठन ने किया रजिस्टार कार्यालय पर प्रदर्शन
देहरादून। उत्तराखण्ड में प्रतिवर्ष लगभग एक लाख 50 हजार छात्र प्राइवेट परीक्षा देते हैं लेकिन वर्तमान सत्र 2017-18 से महामहिम राज्यपाल के निर्देशानुसार प्राइवेट परीक्षा पूर्णतया समाप्त कर दी गई हैं। वर्तमान सत्र से प्राइवेट परीक्षार्थी उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से परीक्षा में सम्मलित होंगे।
गत वर्षों तक श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय एवं कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा प्राइवेट फार्म नवम्बर दिसम्बर माह में भरे जाते थे जबकि वर्तमान सत्र में यह परीक्षा उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा कराई जानी है जिसमे प्रवेश कराने की अंतिम तिथि 250₹ विलम्ब शुल्क के साथ 11 सितम्बर 2017 निर्धारित है।
प्राइवेट परीक्षा कराने अथवा नही कराने को लेकर छात्रों में असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है। जिसके कारण लगभग 1 लाख 50 हजार छात्र प्रभावित हों रहे है। कुलपति उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को प्रेषित ज्ञापन में DAV के महासचिव आकाश गोड़ ने कहा कि पूर्व में प्रकाशित समाचार पत्रों एवं उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विज्ञापनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेशभर में होने वाली प्राइवेट परीक्षाओं का संचालन पूर्णतया समाप्त कर दिया गया है। वर्तमान सत्र 2017-18 से व्यक्तिगत / प्राइवेट परीक्षार्थी उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे। गढवाल मण्डल के महाविद्यालयों में वरीयता सूचि के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया जारी है जबकि हजारो ऐसे छात्र / छात्राये हैं जिनका प्रवेश वरीयता सूचि के आधार पर नही होगा।यह सभी छात्र / छात्रायें व्यक्तिगत परीक्षाओं हेतु उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में अपना प्रवेश लेने के लिये बाध्य है। जबकि उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश की तिथि 11 सितम्बर 2017 को समाप्त हो चुकी है।
छात्रों ने राज्यपाल से निवेदन किया है कि उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश की तिथि बढाई जाये। ताकि व्यक्तिगत / प्राइवेट परीक्षार्थी अपना प्रवेश करा सके।अन्यथा इन छात्र / छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। ज्ञात हो कि महामहिम राज्यपाल के निर्देशों के अनुसार व्यक्तिगत परीक्षाओ के संचालन की पूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय होगी। यदि प्रवेश की तिथि नही बढाई गई तो छात्र आन्दोलन कर सकते हैं।