समाचार प्लस न्यूज़ चैनल के मालिक उमेश कुमार शर्मा की गिरफ्तारी को 9 घंटे से अधिक का समय होने जा रहा है लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के विषय में कोई अधिकृत बुलेटिन जारी नहीं किया गया है।
उमेश कुमार, राहुल भाटिया, मृत्युंजय मिश्रा और प्रवीण साहनी के खिलाफ एफ आई आर के लिए आयुष गौड़ ने 10 अगस्त को तहरीर दी थी जिस पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
चर्चा तो यह गर्म है कि उमेश जे कुमार और उनकी टीम ने उत्तराखंड सरकार के शीर्षस्थ अफसरों का कोई स्टिंग ऑपरेशन किया था इस स्टिंग को भाजपा के हाईकमान तक पहुंचाने की तैयारी थी।
सूत्रों के अनुसार यह स्टिंग चैनल के ही एक पत्रकार ने किया था, जिसे बाद में सरकारी गवाह बना दिया गया और उसकी निशानदेही पर ही काफी सारे और भी सबूत मिले हैं।
इन धाराओं में है मुकदमा
स्टिंग ऑपरेशन से सरकार की किरकिरी होनी तय थी, इसलिए ऐन पहले उमेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। उमेश जे कुमार के खिलाफ धारा 386, धारा 388 तथा धारा 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
धारा 386 गंभीर आघात का भय दिखा वसूली करने की धारा है तथा धारा 388 अन्य ब्यक्ति को ऐसा अपराध करने के लिए उत्प्रेरित करने का प्रयत्न….. और 120 बी आपराधिक षड्यंत्र करने पर लगती है। जाहिर है इन अपराधों के अंतर्गत 10 साल तक की सजा हो सकती है।
यह है वारंट
धारा 93 के अंतर्गत जारी हुआ तलाशी वारंट
गौरतलब है कि 22 अक्टूबर को तृतीय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देहरादून ने राजपुर के थानाध्यक्ष अरविंद कुमार को उमेश जे कुमार के गाजियाबाद स्थित घर की तलाशी लेने की स्वीकृति देने हेतु धारा 93 का वारंट जारी किया था।
यह वारंट विशिष्ट अपराध की इत्तला के पश्चात तलाशी के लिए जारी किया जाता है।
गौरतलब है कि उमेश जे कुमार के खिलाफ धारा 386, 388 तथा धारा 120 बी के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। देहरादून के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस को इसके लिए प्राधिकृत किया था कि वह उमेश जी कुमार के स्थल A-7 एडवांटेज टावर फ्लैट नंबर 192 इंदिरापुरम गाजियाबाद के घर की तलाशी ले सकते हैं और उसके घर में स्थित इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पेन ड्राइव और कैमरा आदि को जांच के लिए कब्जे में ले सकते हैं। साथ ही न्यायालय ने ताकीद की थी कि यदि यह चीजें पाई जाए तो उन्हें तुरंत न्यायालय के समक्ष पेश किया जाए।
93 के वारंट लेकर उत्तराखंड पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ एक जॉइंट अभियान चलाकर आज सुबह तड़के उमेश जे कुमार के घर पर छापेमारी की थी।
पहले भी हुए मुकदमे
उमेश जे कुमार के खिलाफ भाजपा के ही पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज कराए थे। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने यह मुकदमे वापस करा दिए थे। बहुगुणा भी आजकल भाजपा में हैं।
हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन भी उमेश कुमार ने ही किया था। इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सत्ता के गलियारों में उमेश की एंट्री पर एक तरह से अघोषित पाबंदी लगा दी गई थी।