इंद्रा कॉलोनी में दहशत का माहौल। विभागीय कर्मचारियों को नही दिखा फाल्ट।
एक दूसरे विभाग पर आरोप लगाने तक सीमित सरकारी मशीनरी।
बिजली के खम्बों में मिली भगत से रिश्वत लेकर निजी केबल गुजारने दे रहे अधिकारी।
हादसों को दावत देते निजी केबल ऑपरेटर मौन विभाग।
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के इंद्रा कॉलोनी में पिछले एक महीने से बिजली के खंबे से करंट लीकेज हो रहा है। कई बार मौखिक शिकायत के बाद भी विभाग ने चुप्पी साध रखी है।
शनिवार को एक खच्चर करंट की चपेट में आ गयी तो स्थस्नीय निवासी अपने बच्चों को लेकर संभावित हादसे से चिंतित हो पूर्व विधायक गंगोत्री विजयपाल सजवाण की चौखट तक गए। पूर्व विधायक के निर्देश पर विद्युत विभाग के कर्मचारी मौके पर तो गए किन्तु उन्हें कोई फाल्ट समझ नही आया। हादसे के 15 घंटे बाद भी बिजली के खंबे के पास मरे पड़े खच्चर को हटाने तक की जहमत पालिका ने नही उठायी।
स्थानीय निवासी दारा सिंह ने बताया कि पांच दिन पूर्व भी इस खंबे से करंट की चपेट में आकर एक कुत्ते की मौत हो गयी थी। तब किसी ने इस मामले को गंभीरता से नही लिया था। किंतु खच्चर की मौत के बाद लोग अब अपने बच्चों के साथ किसी अनजान हादसे को लेकर लोग चिंतित हो गए हैं । पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने विभागीय अधिकरियो से लीकेज ठीक करने के साथ ही खच्चर का भी मुआवजा देने की मांग की है।
विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता गौरभ सकलानी ने बताया कि विभागीय टीम मौके पर गयी थी उन्होंने संभावना जताई कि जल संस्थान की पानी की लाइन से लीकेज हो सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगो ने विधुत पोल ने नीचे बिना विभाग से एनओसी लिए घर का निर्माण कर लिया है। जिसके लिए उन्हें नोटिस दिए गए हैं।
अब विभाग को कौन समझाए कि भवन निर्माण की एनओसी लेने के बाद क्या रास्ते मे बिजली के पोल पर करंट लीकेज को जायज ठहराया जा सकता है?
खासकर तब, जब विभाग के कर्मचारी इस बात से आंखें मूंदे बैठे हैं कि उनके बिजली के खम्बों से किस तरह से आपसी मिली भगत से अवैध रूप से निजी केबल लाइन गुजर रही है, जिसका न तो कोई मासिक किराया भरा जा रहा है और न कोई नोटिस ही दिया गया है। अब हादसा हो जाने के बाद विद्युत विभाग अतिक्रमण के बाद अवैध निर्माण को लेकर कभी पालिका तो कभी जिला प्रशासन को दोष देता है किंतु खुद की कमीज को सफेद दिखाने का प्रयास करता है। इस बात से बेखौफ कि निजी केबल लाइन को बिजली के पोल से होकर गुजारने के एवज में मिलने वाली कमीशन की धनराशि किस स्तर तक बांटनी है।
इस संदर्भ में विभागीय सहायक अभियंता रोशन लाल रतूड़ी ने बताया कि उनके द्वारा उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गयी है। जहाँ से संबंधित के ख़िलाफ़ केबल का किराया जमा करवाने अथवा केबल हटाने के निर्देश दिए जाएंगे। अधिशासी अभियंता गौरभ सकलानी स्वीकार करते हैं कि बिजली के खम्बो से निजी केबल गुजर रही है जो कभी भी हादसे का कारण बन सकती है किंतु वर्षो से चल रहे इस गोरखधंधे में न तो कोई किराया वसूल किया गया और न कोई नोटिस ही दिया गया। जाहिर है कि विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से ये खेल ही रहा है।
श्री सकलानी ने बताया कि उनके द्वारा मनोरंजन कर अधिकारी को नोटिस दिया जायेगा अब अधिकारी को कौन समझाए कि ये पद अब मर्ज हो गया है और विभाग की संपत्ति पर अनाधिकृत उपयोग के लिए वे खुद संबंधित व्यक्ति अथवा संस्था को नोटिस देकर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं। किंतु लगता है चांदी की चमक ने सबको फीका कर दिया है।